इश्क का इजहार मत करिओ, यूपी की बहादुर पुलिस गिरफ्तार कर लेगी!

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इटावा: इकदिल इलाके के आजादनगर में लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगाकर झोलाछाप डाक्टर की लात घूसों जूतों चप्पल से पूजा कर दी गई। डाक्टर की पिटाई के बाद मौके पर आई यूपी की बहादुर पुलिस आरोपी डाक्टर को पकड़ करके ले गई। पुलिस ने डाक्टर की क्लीनिक को भी बंद करा दिया है। आरोपी डाक्टर का नाम अनुज शुक्ला है जिसका कसूर इतना भर था कि उसने लड़की को देखने के बाद उसके हाथ में आई लव यू लिखा हुआ पर्चा थमा दिया। इस पर्चे में लड़की से डाक्टर के लिये कॉल करने के लिये संदेश भी लिखा हुआ था।
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एक तो एमबीबीएस वाले डाक्टर साहब लोग गांव में रहना नहीं चाहते, तो ये झोला छाप वाले डाक्टरजी लोग ही हैं जो गांव में बीमारों को फर्स्ट एड यानि प्राथमिक चिकित्सा देकर जान बचाने का काम करते हैं फिर शहर ले जाने को कहते हैं| बिना एमबीबीएस को गांव में रोके अगर झोला छाप डाक्टरों का खात्मा कर दिया गया तो गांव की बहुत बड़ी आबादी बेइलाज मर जाएगी| इसलिए तरह-तरह के अभावों से शापित इस देश में झोला छाप डाक्टर होना शर्म की बात नहीं, अच्छी बात है|
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अगर किसी झोला छाप डाक्टरजी ने एक परची पर दिल का हाल लिख कर अपने इश्क का इजहार कर दिया तो क्या गुनाह कर दिया कि हंगामा बरपा हो गया| इश्क का इजहार करना कहां की छेड़खानी है भई… ! ये अलग बात है कि डाक्टर साब ने जिसको पसंद किया और लिखित में अपने हाल-ए-दिल का बयान सुनाया, वह ऐसी निकली कि भरे बाजार उनकी इज्जत उतरवा दी| इतना ही नहीं ये सारा कारनामा मीडिया वालो की मिलीभगत और भड़काने से हुआ लगता है वर्ना इतने अच्छे मारपीट के चित्र नहीं आते| मैंने टीवी मीडिया में 4 साल काम किया है इसलिए ये तजुर्बा भी है|

अब बात मुद्दे की ये नौजवान डाक्टर रेपिस्ट तो बिलकुल नहीं हो सकता है क्योंकि अगर वह रेपिस्ट होता, छेड़खानी करने वाला होता तो लिख कर इश्क कुबूल करने जैसा निहायत भावुक काम न करता. यह नौजवान डाक्टर काफी संवेदनशील जान पड़ता है| सिर्फ लव लेटर थमा देने के कारण किसी को गिरफ्तार कर लेना शर्म की बात है| यूपी पुलिस की हरकत मध्य युगीन और सामंती सोच का परिचायक लगती है| यूपी में वैसे भी आप पुलिस से किसी प्रगतिशीलता, आधुनिकता और तार्किकता की उम्मीद नहीं कर सकते| वहां हर वक्त जंगल राज कायम रहता है, सरकार चाहे जिस किसी की भी हो| मैं लड़की और उसके परिजनों की डाक्टर पर चप्पलबाजी की भी निंदा करता हूं| मैं इस डाक्टर के प्रेम-इश्क का समर्थन करूंगा| आखिर प्यार का इजहार एक तरफ से ही शुरू होता है| अगर दूसरे को पसंद आई तो बात आगे बढ़ती है| हां ये सच है कि कई बार शक्ल से ठीक लगने वालियों के दिल-दिमाग इतना कूड़ा-कबाड़ा होते हैं कि सच्चाई पता चलने पर खुद को तकलीफ होती है कि अमां यार किससे दिल लगाने को चले थे, उधर तो बेदिल हैं जनाब| इस प्रकरण के बारे में दिनेश शाक्य की टिप्पणी से जितनी जानकारी मिलती है, उतने के आधार पर अगर राय बनाऊं तो डाक्टर की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय, अमानवीय और मानवाधिकार का हनन है|