कमालगंज (फर्रुखाबाद): जनपद में गेहूं खरीद केन्द्रों पर आढ़तियों का गेहूं खरीदने का पुराना रिकार्ड रहा है। जिसकी तैयारी में अभी से ही सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र प्रभारी जुट गये हैं। सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र प्रभारियों द्वारा अभी तक कांटा इत्यादि टांगकर बैनर तक इसलिए नहीं टांगा गया है कि उनका अभी से ही टारगेट पूरा हो जायेगा और वह बाद में आढ़तियों से गेहूं खरीदकर मोटी रकम नहीं वसूल सकेंगे।
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कमालगंज मण्डी में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम व खाद्य निगम द्वारा गेहूं खरीदकेन्द्र खोले गये हैं। खरीद केन्द्रों को 1 अप्रैल से ही शुरू करने के निर्देश दिये गये थे। जिसके लिए विभाग द्वारा वारदाना व बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन केन्द्र प्रभारियों पर कोई अंकुश न होने के कारण वह अभी से ही अपनी मनमानी पर उतारू हैं। कमालगंज के इस सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र पर अभी तक केन्द्र प्रभारी प्रमोद कुमार द्वारा न ही बैनर इत्यादि टांगा गया है और न ही कांटा लगाया गया है।
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जिससे किसानों को अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र पर भी उनका गेहूं बिक सकता है। जिससे भोले भाले किसान आढ़तियों के हाथों अपना गेहूं सस्ते दामों में बेचने के लिए मजबूर हैं। आढ़ती सैकड़ों कुन्तल गेहूं 1250 रुपये प्रति कुन्तल की दर से खरीद कर रहे हैं। लेकिन सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर अभी तक एक दाना भी नहीं खरीदा गया है। कांटे तक को अभी तक नहीं लगाया गया है। शासन के आदेशानुसार केन्द्रों पर दरियां, तख्त, घड़े, ठहरने की व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं। जिसके लिए बजट व वारदाना भी मुहैया हो चुका है। लेकिन अभी तक भ्रष्ट केन्द्र प्रभारी वैनर लपेट कर रखे हुए हैं। जिससे सरकारी रेट 1350 रुपये प्रति कुन्तल होने के बावजूद किसान सस्ते रेट 1250 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से आढ़तियों को गेहूं बेचने को मजबूर हो रहा है।
केन्द्र प्रभारी ने बताया कि 17 हजार कुन्तल का टारगेट दिया गया है। जिसके लिए 4 हजार बोरा वारदाना मुहैया करा दिया गया है। पांच लाख रुपया बजट भी आ गया है।