FARRUKHABAD : फतेहगढ़ अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर मुख्य अतिथि के रूप में बसपा के पूर्व जोनल कोआर्डीनेटर श्रीकृष्ण मौर्या ने बोलते हुए कहा कि बाबा साहब ने देश में बुद्ध के संदेश मानवतावादी विचारधारा को फैलाने के लिए भारतीय संविधान में सभी वर्ग के लोगों को समान मानते हुए अधिकार प्रदत्त किये हैं। अम्बेडकर ने कहा था कि जिस ईश्वर ने वर्ण व्यवस्था दी ऐसे ईश्वर को मैं नहीं मानता हूं। मेहनत, ज्ञान, त्याग, बलिदान से एक ईश्वर हम लोगों को मिला है। वह अम्बेडकर है। अम्बेडकर ने दलित शोषित समाज के लिए प्रथक निर्वाचन के तहत एमपी एमएलए को सामान्य सीटों पर देने की जो बात कही थी उसे उस समय नहीं माना गया।
[bannergarden id=”8″]
जिसके चलते आरक्षण के तहत जो सीटें रिजेक्ट कर दी गयी हैं, उन सीटों पर चुने जाने वाले विधायक, सांसद, चाहे वह अनुसूचित जाति को हों, चाहे वह पिछड़ी जाति के हों वह अपने समाज को सही दिशा तो देते हैं परन्तु कहीं न कहीं वह अपनी विचारधारा को स्वतंत्र रूप से प्रचारित करने के लिए बंधे हुए नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति के लोगों को आरक्षण डा0 अम्बेडकर ने संविधान के तहत दिया है। वह इसे शिक्षित होकर आगे बढ़ायें तभी समाज विकास की ओर अग्रसर होगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। कार्यक्रम में जवाहर सिंह गंगवार ने कहा कि डा0 अम्बेडकर ने 1913 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय में शिक्षा अर्जित की थी। जिससे उन्होंने देश में आडम्बरवादी व्यवस्था को तिलांजलि देकर स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व को देश में शोषित समाज को रास्ता दिखाया। इस अवसर पर प्रभूदयाल एडवोकेट, नरेश गौतम, नरेन्द्र कुमार आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवानदास कश्यप ने की। संचालन रामदत्त बौद्ध ने किया।
[bannergarden id=”11″]