लखनऊ: सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टीविस्ट नूतन ठाकुर के प्रार्थनापत्र पर सेक्स-क्षमता, मोटापा, सफ़ेद दाग आदि तमाम प्रतिबंधित विज्ञापन देने वालों पर थाना गोमतीनगर, लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गयी है।
प्रार्थनापत्र के अनुसार औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3 के अनुसार लोगों की सेक्स क्षमता की वृद्धि, महिला के गर्भ धारण, मासिक धर्म, डायबेटीज, अन्धता, बहरापन, पागलपन, सफ़ेद दाग, मोटापा सहित 54 बीमारियों से जुड़े किसी भी प्रकार के विज्ञापन पर पूरी तरह रोक है जबकि धारा 5 में सभी प्रकार के जादुई उपचार, जैसे तंत्र-मन्त्र, कवच, ताबीज से जुड़े विज्ञापनों पर प्रतिबन्ध है. धारा 7 के अनुसार इस संज्ञेय अपराध में छह माह से एक साल तक की सजा है. इसके बाद भी तमाम कंपनियां और लोग इस प्रकार के प्रतिबंधित विज्ञापन विभिन्न समाचारपत्रों और टीवी चैनलों पर प्रकाशित और प्रसारित कर रहे हैं. प्रार्थनापत्र के आधार पर में श्री साईं सफ़ेद दाग, कैप्सूल मोर पॉवर, सेक्स ग्रो पॉवर, टाइटेनिक के टू कैप्सूल, योको फार्मेसी, डॉ. पीके जैन क्लीनिक, डॉ. एके जैन क्लीनिक, जौली बावासीर, अल्ताज़ दवाखाना, पारस मेडिको, हाश्मी दवाखाना, डी फिट कैप्सूल, संन्यासी क्लीनिक सहित 21 लोगों तथा कंपनियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।
विदित है कि इससे नूतन ठकुर ने इस सम्बन्ध में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें जस्टिस उमा नाथ सिंह और जस्टिस डॉ. सतीश चंद्र की बेंच ने उन्हें पहले पुलिस के पास जाने के निर्देश दिये थे।