FARRUKHABAD : देश में प्रति वर्ष 14 अप्रैल को अग्नि शमन सेवा दिवस मनाया जाता है तथा इसी दिन से प्रारम्भ होकर एक सप्ताह तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह भी मनाया जाता है। अग्नि सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव एवं सावधानी बरतने के संबंध में जागरूकता लाने के लिए इस वर्ष भारत सरकार द्वारा अग्नि सुरक्षा सप्ताह का संकल्प ‘आग तो आग है..दोस्त या दुश्मन, फैसला हमें करना है’ निर्धारित किया गया है। 14 अप्रैल, 1944 को मुम्बई बंदरगाह में फोर्टस्टीकेन नामक मालवाहक जहाज जिसमें रूई की गांठें, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुए थे, में अकस्मात आग लग गयी थी। आग को बुझाते समय जहाज में विस्फोटक सामग्री होने के कारण 66 अग्निशमन कर्मी आग की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हुए थे। इन बहादुर अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। वहीं यदि जनपद की अग्निशमन व्यवस्था की बात करें तो फर्रुखाबाद में अग्निशमन व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। आग बुझाने के लिए लगायी गयी अग्निशमन गाड़ियां भी इतनी जर्जर हालत में हो चुकी हैं कि एक दर्जन लोगों द्वारा धक्का लगाने पर ही स्टार्ट हो रही हैं। लेकिन अग्नि पीड़ितों की बदहाली पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले नेताओ की निधि अग्निशमन के लिए नहीं है।
गर्मियां शुरू हो चुकी हैं, तेज धूप में छोटी चिंगारी भी शोले का रूप धारण कर सकती है। यह बात प्रशासनिक अधिकारियों के जेहन में शायद अभी नहीं आया है यही कारण है कि जनपद में लगायी गयी अग्निशमन के तौर पर गाड़िया लगभग ढाई दशक पुरानी है। जिले की एक अग्नि शमन गाड़ी 1990 में खरीदी गयी थी। जोकि लगभग 24 वर्ष पुरानी हो चुकी है। वहीं दूसरी गाड़ी इससे भी ज्यादा खचाड़ा है जो 27 वर्ष पुरानी है। किसी हादसे से इनका कोई इत्तेफाक नहीं दिखायी देता। दोनो गाड़ियां धक्का परेड हैं। यदि कोई व्यक्ति आग लगने की सूचना अभी देता है तो उसके चार पांच घंटे बाद ही एम्बुलेंस मौके पर पहुंचती है। लेकिन इस बदतर व्यवस्था को सुधरवाने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।
गर्म मौसम में हर वर्ष किसानों की हजारों बीघा जमीन में खड़ी तैयार फसल जलकर नष्ट हो जाती है। लेकिन प्रशासन के ऊपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। किसान जलें, किसानों की फसलें जलें, किसानों के घर जलें, आम जनता के घर मकान गृहस्थी जल जाये लेकिन अधिकारी व फायरब्रिगेड कर्मचारी मात्र डीजल घोटाले के अलावा और कोई काम नहीं करना चाहते। यही बजह है कि जनपद में दो फायर ब्रिगेड के भरोसे पूरी अग्निशमन व्यवस्था होने के बाद भी दोनो गाड़िया धक्कापरेड व खचाड़ा हैं।
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अग्निशमन सप्ताह के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के सम्बंध में जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अग्नि सुरक्षा सप्ताह का उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकांडों को रोकने एवं अग्नि से बचाव के उपायों के संबंध में शिक्षित करना है। इसके साथ ही सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था, अग्निशामक उपकरणों का प्रयोग, आग की स्थिति में बचाव के उपाय, उद्योगों में अग्नि सुरक्षा व सावधानियां, विद्युत अग्नि सुरक्षा व सावधानी, बहुमंजिले भवनों में अग्नि सुरक्षा, विकलांग व्यक्तियों के लिए अग्नि सुरक्षा आदि।
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अग्निशमन सेवा मुख्यालय के उपनिदेशक पी. के. राव के अनुसार 14 अप्रैल, 2013 को स्मृति दिवस परेड होगी, 15 अप्रैल को फायर स्टेशन व महत्वपूर्ण स्थानों पर समस्त फायर स्टेशन क्षेत्रों में फायर रैली निकाली जाएगी, 16 अप्रैल को पूर्वाह्न से जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर विद्यमान फायर स्टेशनों, स्कूल/कालेजों में ‘अग्नि सुरक्षा’ से सम्बंधित निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक पूर्वाह्न से जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर बहुखंडीय भवनों का निरीक्षण, अग्निशमन से सम्बंधित जनजागरण ‘धुएं से सुरक्षा- हो जीवन की रक्षा’ के संकल्प पर विशेष रूप से जोर दिया जाएगा। बहुखंडीय भवनों में अग्नि से सुरक्षा सम्बंधी गोष्ठी हेतु व्यापार मण्डल के सम्भ्रांत व्यक्तियों एवं नागरिकों को बुलाकर विचार-विमर्श किया जाएगा तथा 20 अप्रैल 2013 को पूर्वाह्न से ग्रामीण अंचलों में प्रभारी अग्निशमन अधिकारी द्वारा अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।