जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के पीरपंचाल क्षेत्र में पहली बार समुद्र तल से ग्यारह हजार फुट की ऊंचाई पर तीन सौ फुट लंबी गुफा में भगवान शिव के तीन शिवलिंग, कुछ प्रतिमाएं, अजगर की प्रतिमा और 1896 के पुराने सिक्के और कुछ बर्तन मिले हैं। एक चरवाहे खुर्शीद अहमद चोपान ने इसकी खोज की है।
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पीरपंचाल रेंज में बनिहाल के आखिरी गांव कारवा से यह गुफा करीब बारह किलोमीटर की दूरी पर है। गांव कारवा से गुफा तक पहुंचने के लिए डेढ़ घंटे तक पैदल जाना पड़ता है। गुफा से मिले शिवलिंग काले व सफेद संगमरमर के बने हैं जो देखने में भूरे से लगते हैं। कश्मीर में मंदिरों के संरक्षण कार्य में जुटी ऑल पार्टीज माइग्रेंटस कोऑर्डिनेशन कमेटी ने दावा किया है कि 2004 में उन्होंने उस इलाके में भगवान शिव की गुफा होने की अफवाहें सुनी थीं। जिस जगह पर गुफा मिली है वहां पर आबादी न होने से इसकी तलाश काफी कठिन थी। प्रधान विनोद पंडित का कहना है कि उन्होंने चरवाहे खुर्शीद आलम चोपन को गुफा की तलाश का काम सौंपा था। चरवाहे की नौ वर्ष की मेहनत रंग लाई। कमेटी पहले नवरात्र पर गुफा का उद्घाटन करेगी। दस अप्रैल को जम्मू में कश्मीरी पंडितों को जत्था गुफा स्थल की ओर रवाना होगा।
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चरवाहे खुर्शीद के मुताबिक, वह पिछले नौ वर्षो से गुफा की तलाश में लगे हुए थे। कुछ महीने पहले भगवान शिव ने उन्हें सपने में दर्शन दिए, जिससे मुझे गुफा खोज निकालने में मदद मिली। राज्य अभिलेखागार, पुरातत्व व संग्रहालय के पूर्व महानिदेशक एके कादरी ने बताया कि पीरपंचाल इलाके में पहली बार ऐसी धरोहर मिली है। जल्द ही वे टीम के साथ वहां जाएंगे। अध्ययन कर गुफा को धरोहर घोषित किया जाएगा।