FARRUKHABAD : अपरहरण के दौरान मंत्री पुत्र की कोठी पर लेजाये जाने के अरोप लगाने के बाद से चर्चा में आयी नबावगंज के परमनगर निवासी किशोरी को आखिर अदालत ने उसके बयान दर्ज कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। सुरक्षा के नाम पर जनपद की वफादार पुलिस किशोरी को मीडिया से बचाकर सीधे उसके गांव पहुंचाने के लिये जी-जान से जुटी रही। जिसके चलते उसने किशोरी के इर्द गिर्द काफी सख्त सुरक्षा घेरा बनाये रखा।
इसे पुलिस की वफादारी ही कहा जायेगा जिसके चलते पूरे मामले में पुलिस ने अपना रोल बखूबी निभाया। चप्पे-चप्पे पर की तैनात खाकी किशोरी को कैमरों और पत्रकारों से बचाने का पूरा प्रयास करती दिखी।
अदालत में किशोरी के परिजनों द्वारा प्रार्थनापत्र दिये जाने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किशोरी को उसके घर जाने की इजाजत दे दी। अब किशोरी अपने पिता के पास तो पहुंच गयी लेकिन पुलिस अभी भी उसे सुरक्षा घेरे में लिए हुए है और मीडिया से उसे बातचीत करने में सुरक्षा की दुहाई दे रही है।
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सूत्रों की मानें तो मामला दो किशोरवय प्रेमियों के प्रेम प्रसंग में घर से भाग जाने का ही है। परंतु उभय पक्षों के परिजनों की ओर से एक दूसरे के विरुद्ध अपहरण की जवबी एफआईआर दर्ज करा देने व प्रेमी युगल के नाबालिग होने के कारण मामला बिगड़ गया। लड़की को पुलिस ने शहर में आईटीआई के पास से बरामद भी कर लिया। परंतु किशोरी के परिजनों द्वारा लड़की को अपरहरण के दौरान मंत्री पुत्र की कोठी पर ले जाये जाने व वहीं से पुलिस को सुपुर्द किये जाने के आरोपों के बाद मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है। लड़के के परिजन मंत्री पुत्र के समर्थक बताये जाते हैं।