लखनऊ : लोकसभा चुनाव को निकट देख सपा संगठन को ‘सरकारी ताकत’ दी गयी है। जिलाध्यक्ष अपनी संस्तुति पर जिले में सौ हैंडपंप लगवा सकेंगे। जिलाध्यक्षों को सचिवालय आने जाने के लिए पास भी उपलब्ध कराया जाएगा। यहां तक वह मंत्रियों-अफसरों तक का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। मसलन, जिले में कौन अफसर कैसा है, मंत्रियों की कैसी साख है, उनके विभाग का कामकाज कैसा है, जानकारी देनी होगी। यही नहीं ट्रांसफर-पोस्टिंग में उनकी सिफारिश को तवज्जो दी जाएगी। उनके द्वारा दिए जाने वाले शिकायती पत्रों पर होगी कड़ी कार्रवाई होगी।
सपा मुख्यालय में बुधवार को पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में सत्तारूढ़ दल के जिलाध्यक्षों की ‘क्लोज डोर’ बैठक हुई। पार्टी की ओर से अधिकृत तौर पर दी जानकारी में भले ही जिलाध्यक्षों की हैसियत बढ़ने का कोई जिक्र न हो पर सूत्रों के अनुसार उन्हें तमाम तरह की जिम्मेदारियों से नवाजा गया। बैठक में चंद जिलाध्यक्षों ने अपने यहां की संसदीय सीट के घोषित उम्मीदवार के कमजोर होने का भी जिक्र किया, जिस पर सपा प्रमुख ने विचार कर लेने का आश्वासन दिया। सूत्रों के अनुसार बैठक में यह बात भी उठी कि आजमगढ़ से मंत्री बलराम यादव को उम्मीदवार बनाया गया है पर वह चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं नजर आ रहे हैं। बताया गया कि सपा प्रमुख ने इस पर ध्यान न देने का निर्देश देते हुए कहा कि वह खुद बलराम यादव से बात कर लेंगे।
[bannergarden id=”11″]
[bannergarden id=”8″]