भेड़-बकरियों की तरह वोट डालती है भारत की जनताः काटजू

Uncategorized

Katjuदिल्‍ली: भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने शनिवार को दावा किया कि भारत की जनता भेड़-बकरियों की तरह मतदान करती है। काटजू ने यह भी कहा कि वह चुनावों में मतदान नहीं करेंगे क्योंकि ऐसी स्थिति में यह ”अर्थहीन” है जब लोकतंत्र को सामंतों ने अगवा कर लिया हो।
काटजू ने कहा, ”90 फीसदी भारतीय भेड़-बकरियों की तरह झुंड में मतदान करते हैं। वे भेड़ों के झुंड की तरह हैं जो जाति और धर्म के आधार पर मतदान करते हैं। यह एक कड़वी सच्चाई है। और चूंकि भारत की जनता पशुधन की तरह मतदान करती है, लिहाजा संसद में इतने अपराधी हैं।”
बीते एक पखवाड़े से अपने बयानों से सुर्खियों में रहे काटजू ने कहा, ”मैं मतदान नहीं करूंगा क्योंकि मेरा मत अर्थहीन है। हमारा लोकतंत्र अब भी संक्रमण काल से गुजर रहा है और सामंतों ने उसे अगवा कर लिया है। जाट, मुसलमान, यादव या हरिजन के नाम देखकर मतदान किए जाते हैं। लोकतंत्र इस तरह चलने के लिए नहीं है। मेरे एक वोट से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जानवरों की झुंड में शामिल होकर मैं अपना वक्त भला क्यों बर्बाद करूं ?”सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने कहा कि यहां तक कि वकील और प्रोफेसर जैसे समाज के संभ्रात लोग भी जाति आधार पर वोट डालते हैं और उन्होंने इलाहाबाद बार और विश्वविद्यालय में ऐसा होते देखा है। उन्होंने कहा, ”मैं पूर्णरूपेण धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं और धर्मनिरपेक्ष होने पर यदि मुझे कांग्रेसजन करार दिया जाता है तो आप ऐसा दृष्टिकोण रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हूं। यह विविधता का देश है और यदि हम सभी को साथ लेकर नहीं चलेंगे तो हम एक दिन भी नहीं जिंदा रह सकते।”
गौरतलब है कि काटजू हाल ही में संजय दत्त को माफी दिए जाने की वकालत कर चुके हैं। इससे पहले वो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद को लेकर हो रही दावेदारी पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके साथ ही काटजू ने बिहार में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर नीतीश सरकार पर भी हमला बोला था।