दिल्ली: अरबपति बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज मर्डर केस में पत्नी रमेश कुमारी ने आरोप लगाया है कि इस कत्ल में एक महिला-मित्र का हाथ है, जिससे भारद्वाज के अवैध संबंध थे। वहीं 62 वर्षीय दीपक से 35 साल छोटी उस महिला ने उनकी पत्नी को इस हत्या का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि वारदात के दिन दीपक भारद्वाज की फ्रेंड बताई जा रही इस महिला से पूछताछ की गई थी। वह वेस्ट दिल्ली में रहती है। उसने बताया कि दीपक की पत्नी और बेटा उनके रिश्तों की वजह से काफी नाराज थे। मां-बेटे को आशंका थी कि दीपक अपनी करोड़ों की प्रॉपर्टी इस महिला को न दे दें। महिला का आरोप है कि इसी कारण मर्डर करवाया गया है। पता लगा है कि दीपक भारद्वाज के फार्म हाउस और कई अन्य ठिकानों पर लेट नाइट पार्टियां आयोजित की जाती थीं। इनमें कुछ नेता भी शामिल होते थे।
दीपक भारद्वाज की पत्नी रमेश कुमारी और उनके बेटे ने पुलिस को बताया कि इस महिला ने दीपक से करोड़ों रुपये की रकम और प्रॉपर्टी हड़पने के बाद उनका कत्ल करा दिया। कॉन्ट्रैक्ट किलर हायर करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनके पास तो पैसे ही नहीं कि वे किसी को दे सकें। पुलिस ने इनमें से किसी को दिल्ली छोड़कर न जाने की हिदायत दी है।
पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड के आरोपी सुनील मान (26) और पुरुषोत्तम राणा (30) किसी गिरोह से नहीं जुड़े हैं। राणा के खिलाफ किसी संगीन वारदात की जानकारी नहीं है, लेकिन सुनील मान और उसके तीन साथियों पर 2 सितंबर 2010 को अलीपुर थाने में हत्या की कोशिश और आर्म्स ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थीं। एक और आरोपी राकेश सोनीपत का रहने वाला है। डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक, राकेश अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इस केस में बिल्लू सोलंकी उर्फ बिल्लू पहलवान और बबलू घोघा के रोल की भी तहकीकात की जा रही है। दोनों इस वक्त मकोका के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। अरबपति नेता दीपक भारद्वाज (62) की हत्या के चार दिन बाद भी साउथ दिल्ली पुलिस के हाथ खाली हैं। शार्प शूटरों के चेहरे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुके हैं, लेकिन पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है। मुख्य साजिशकर्ता का भी कुछ पता नहीं है।
पुलिस को पता लगा है कि दीपक भारद्वाज के फार्म हाउस और कई अन्य ठिकानों पर लेट नाइट पार्टियां आयोजित की जाती थीं। इनमें कुछ नेता भी शामिल होते थे। इस इनपुट में कितनी सच्चाई है और इसका भारद्वाज के मर्डर से कोई लिंक है या नहीं, पुलिस इसका पता लगा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार भारद्वाज अक्सर शाम ढलने के बाद अपने पीएसओ सतीश को उसके कापसहेड़ा स्थित घर भेज देते थे। उनके पास एक लाइसेंसी पिस्टल भी है, मगर वारदात के वक्त वह उनके साथ नहीं थी। रात के वक्त वह रजोकरी स्थित अपने नितेश कुंज में अकेले रहना पसंद करते थे। सूत्रों ने बताया कि वह करीब आठ साल से अपने दोनों बेटों और पत्नी रमेश कुमारी भारद्वाज से अलग रहते थे। छोटा बेटा नितेश और रमेश कुमारी साथ-साथ रहते थे। भारद्वाज प्रॉपर्टी डील और अन्य बातों को अपने परिवार के लोगों से शेयर नहीं करते थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उनकी उनके छोटे बेटे नितेश से बहुत अधिक नहीं बनती थी।
सूत्रों का कहना है कि वसंत कुंज वाले फार्म हाउस में 25 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे। उनमें केवल गेटों पर लगे कैमरे ही काम कर रहे थे, बाकी सारे बंद थे। पुलिस परिजनों और दोस्तों की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। वारदात के वक्त 40 गार्ड अंदर थे, मगर किसी ने भी हत्यारों का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटाई। सूत्रों का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दीपक की हत्या किसने कराई। मगर यह जरूर है कि फार्म हाउस और द्वारका सेक्टर-8 स्थित शिक्षा भारती पब्लिक स्कूल से कुछ अहम दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज हटाई गई है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि दीपक भारद्वाज के साथ काम करने वालों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस उनकी पत्नी और बेटों के रोल की भी जांच कर रही है। पुलिस पता लगा रही है कि रमेश कुमारी वहां वारदात के करीब 45 मिनट बाद क्यों पहुंची? वह आरआर हॉस्पिटल में भी तकरीबन 15 मिनट तक ही रुकी। पुलिस का कहना है कि इन सब बातों की तहकीकात की जा रही है। अभी तक कुछ ऐसा अहम सुराग हाथ नहीं लगा है जिससे किसी को मुख्य अभियुक्त माना जा सके।
बता दें कि बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज की उनके साउथ दिल्ली रजोकरी स्थित फार्म हाउस में 26 मार्च की सुबह करीब 9 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। स्कोडा कार में आए तीन हत्यारों ने उन्हें तीन गोलियां मारी थीं। इस मामले में राकेश नाम के एक शख्स को पकड़ा गया है। स्कोडा कार उसी की थी और उससे वारदात के एक दिन पहले सुनील और पुरुषोत्तम घूमने के बहाने लेकर गए थे। राकेश किलर का जानकार है। इसके अलावा पुलिस के पास अभी कुछ क्लू नहीं हैं। इस मामले में यह भी पता लगा है कि जो दो संदिग्ध किलर सुनील और पुरुषोत्तम हिरासत में लिए गए हैं वह साउथ दिल्ली पुलिस ने नहीं बल्कि क्राइम ब्रांच ने पकड़े थे। इसके अलावा पुलिस ने राकेश के अलावा उसके परिवार के कुछ सदस्यों को भी हिरासत में रखा है।