FARRUKHABAD : जनपद में एक तरफ आरटीओ विभाग डग्गामार व बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन चलाने वालों को सह दिये हुए है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस विभाग डग्गामार वाहनों पर खचाखच सवारियां भरने के अलावा हर तरीके की छूट चंद पैसों की खातिर दिये हुए है। पुलिस विभाग भले ही इस बात से मुकर जाये लेकिन जेएनआई में छापी जा रही तस्वीर तो शायद यही वयां कर रही है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से गुजरने वाले इन डग्गामार वाहनों पर कोई अंकुश आज तक नहीं लगाया गया है।
जनपद में डग्गामार वाहनों से पुलिस की अच्छी खासी कमाई हो जाती है। गुरसहायगंज, जरियनपुर, हरपालपुर, कायमगंज, शमसाबाद, नबावगंज, कमालगंज आदि लगभग एक दर्जन जगहों के लिए फर्रुखाबाद से डग्गामार वाहन चलाये जा रहे है। जिनसे प्रति माह पुलिस द्वारा थाना कोतवाली के हिसाब से धन उगाही की जा रही है। पुलिस द्वारा मात्र उन्हीं डग्गामार वाहनों को छेड़ा जाता है जिनका समय पर रुपया कोतवाली में नहीं पहुंचाया जाता। वरना पुलिस को कोई दिक्कत नहीं है चाहे पुलिस अधीक्षक कार्यालय से गुजरें चाहे उनके आजू बाजू से।
शहर कोतवाली की ही यदि हकीकत जानने की कोशिश करें तो फर्रुखाबाद बस अड्डे के पास से यही डग्गामार वाहन प्रति दिन सवारियां ढोकर ले जाते हैं। सड़क पर वाहन खड़े करके सवारियां भरने के दौरान कई बार जाम की स्थिति भी बन जाती है। लेकिन चंद रुपयों की खातिर पुलिस को जाम अथवा किसी अन्य समस्या की चिंता नहीं है।
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रविवार को हद तो तब हो गयी जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से ही एक डग्गामार वाहन चालक खचाखच सवारियां भरके ले जा रहा था। इतना ही नहीं उसी डग्गामार वाहन में दो पुलिसकर्मी भी सवार थे, जो किसी कैदी को डग्गामार वाहन में ले जा रहे थे। ये जनपद की पुलिस है, शायद इसके लिए सब जायज ही है!