FARRUKHABAD : पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते शहीद आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद प्रकाश सिंह का परिवार इस समय खौफ के साये में जी रहा है। आनंद हत्याकाण्ड में पुलिस द्वारा अन्य आरोपियों व शूटरों के नामों को मीडिया में लगभग उजागर कर दिये जाने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी न होने से आनंद के परिजन भयभीत हैं। आनंद के परिवार को भय सता रहा है कि आरोपी अब जेल जाने के डर से कहीं उनके परिवार पर दोबारा हमला न कर दें।
विदित हो कि बीते 7 फरवरी को मोहम्मदाबाद क्षेत्र के प्राइमरी विद्यालय रामनगर कुड़रिया के प्रधानाध्यापक एवं आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद प्रकाश राजपूत की हत्या बाइक सवार शूटरों ने कर दी थी। हत्या के मामले में 14 लोगों के खिलाफ शक के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने हत्या के दिन से ही नामजदों की धरपकड़ शुरू कर दी थी। थाना मऊदरवाजा से लेकर मोहम्मदाबाद कोतवाली तक शूटरों व साजिशकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती रही। पुलिस कई बार इनको पकड़कर छोड़ चुकी है। जिसके बाद मीडिया द्वारा मामले को आईजी के सामने रखने पर पुलिस दोबारा हरकत में आयी। आईजी के पीठ मोड़ते ही पुलिस ने एक महिला शिक्षा मित्र को मुख्य साजिशकर्ता बताकर जेल भेज दिया, परंतु शेष आरोपी व शूटर अभी भी कथित रूप से पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। लोमहर्षक हत्याकांड जो विगत एक माह से लगातार मीडिया में छाया रहा है, उसमें कथित मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी पर पुलिस मीडिया के सामने एक प्रेस कांफ्रेंस तक करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी। जाहिर है कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
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