FARRUKHABAD : चौंकिये नहीं, ये कोई धमकी नहीं है, ये हकीकत है। जिस कानून की दुहाई देकर जनता को नियमों का पालन करने के लिए वाध्य किया जाता है, उसी कानून की ऐसी तैसी खुद पुलिस कर रही है। आये दिन चौराहे तिराहे पर औचक जांच के नाम पर दुपहिया वाहनों को रोक कर उनके कागज चेक किये जाते हैं। बिना हेलमेट के होने पर चालान काटा जाता है या फिर तीन सवारी होने का जुर्म वाहन चालक को एक सौ के नोट के जुर्माने से निबटाना पड़ता है। मगर यदि यही जुर्म खुद पुलिस वाले कर रहे हों तो कम से कम इसे पुलिस कप्तान को दी गयी चुनौती तो माना ही जायेगा। क्योंकि जनपद स्तर पर कानून व्यवस्था को पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक के कंधों पर ही होती है। नीचे दिये गये फोटो पर अधिक कुछ लिखने की जरूरत नहीं है, सिर्फ यह सुझाव है कि दूसरों को नसीहत देने से पहले खाकी खुद सुधरने का प्रयास करे तो जनता तो अमल करने ही लगेगी।
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