लखनऊ : प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर गांव में दो मार्च को हुए तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ को असलहों की बैलेस्टिक रिपोर्ट मिल गयी है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में घटना में मारे गये ग्राम प्रधान नन्हें यादव के परिवार के सभी असलहों से फायरिंग होने की बात पुष्ट की गयी है। इस रिपोर्ट से सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या का राजफाश होने की उम्मीद भी बढ़ गयी है।
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सीबीआइ ने बीते दिनों प्रधान नन्हें यादव की 315 बोर की राइफल, सुरेश यादव की 12 बोर की बंदूक और फूलचंद की .32 बोर की पिस्टल कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। जांच में इन असलहों से फायरिंग होने की बात सामने आयी है। विशेषज्ञ इस बात की पड़ताल में जुट गये हैं कि क्या सीओ को 315 बोर की राइफल या .32 बोर की पिस्टल से गोली मारी गयी। सीबीआइ ने अभी तक इस सिलसिले में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन जानकारों का कहना है कि .32 बोर की पिस्टल से छह फुट की दूरी से गोली मारी गयी है। 315 बोर की राइफल की गोली लगती तो उसका असर व्यापक होता। बहरहाल इसे लेकर अलग अलग तर्क हैं और सीबीआइ हर सिरे से इसके अवलोकन में जुटी है। दिक्कत बस यह है कि अभी तक सीओ के सीने को पार कर निकली बुलेट नहीं मिली है, जिससे यकीनी तौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
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