बेवफा पत्‍नी ने ही शादी की पहली सालगिरह पर करा दिया प्रेमी से कत्ल

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लखनऊ: ट्रिपल आइटी के छात्र अनुपम पांडेय की हत्या उसकी बेवफा पत्‍‌नी मानसी ने कराई थी। प्रेमी को पाने के लिए उसने पति को रास्ते हटाने की साजिश रची और ठीक शादी की पहली सालगिरह पर ही कत्ल करा दिया। कई हफ्तों की तहकीकात के बाद धूमनगंज इलाहाबाद पुलिस ने उसे सूबेदारगंज स्थित आरपीएफ कालोनी से गिरफ्तार दिखा दिया। मानसी को थाने लाकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल लिया। मानसी ने कहा – ‘मैंने अपने प्यार को पाने के लिए पति का कत्ल कराया। मुझे अपने किए का कोई अफसोस नहीं है।’ पुलिस को मानसी के पास से उसकी प्रेमी के साथ बातचीत की वायस रिकार्डिग, कॉल डिटेल और प्रेमी के साथ अंतरंग पलों की वीडियो क्लिप बरामदKhulasa हुई है। पुलिस ने मानसी को पति हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल भेज दिया है। प्रेमी अभी फरार है।

लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रहने वाले होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. कमलेश कुमार पांडेय के इकलौते पुत्र अनुपम पांडेय की शादी 23 फरवरी 2012 को भोपाल के एमपी नगर में रहने वाली मानसी द्विवेदी से हुई थी। अनुपम भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एमएस प्रथम वर्ष का छात्र था। मानसी का पड़ोस में ही रहने वाले प्रदीप शर्मा नाम के एक युवक से प्रेम प्रपंच चल रहा था। वह उसी शादी करना चाहती थी मगर परिजनों के दबाव के आगे उसे झुकना पड़ा। मानसी ने अनुपम से शादी तो रचा ली मगर पति के रूप में उसे स्वीकार नहीं कर सकी। प्रदीप से उसकी नजदीकियां बनी रहीं। फोन से लगातार उसके संपर्क में रहती थी। वह प्रदीप के पास वापस लौट जाना चाहती थी मगर ऐसा मुमकिन नहीं था। ऐसे में प्रदीप के साथ मिलकर मानसी ने अनुपम की हत्या की साजिश रची। तीन महीने पहले उसने अपने जन्मदिन पर प्रदीप को लखनऊ बुलाया और अनुपम से उसकी मुलाकात भी कराई। मकसद था कि प्रदीप अनुपम को अच्छी तरह से पहचान ले।

अनुपम अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए इलाहाबाद आया तो प्रदीप ने झलवा स्थित ट्रिपल आइटी परिसर के रहकर उसकी रेकी की। 23 फरवरी की शाम अनुपम हॉस्टल से जैसे ही कुछ देर के लिए बाहर निकला, अपने एक साथी के साथ घात लगाकर बैठे प्रदीप ने उस पर हमला चाकू से हमला कर दिया। हमले में अनुपम गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए उसे स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने अनुपम पर हमले के बाद उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि उसके मोबाइल पर प्रदीप भोपाल नाम के एक शख्स की कई कॉल आई थी। इस पर पुलिस को शक हुआ। छानबीन में पता चला कि वह उसकी पत्नी का पुराना दोस्त है। इस पर पुलिस का शक गहराता चला गया। मानसी से पूछताछ के बाद शक पुख्ता हो गया।  पति की मौत के बाद मानसी अपनी ससुराल न जाकर परिजनों के पास भोपाल चली गई थी। अनुपम के पिता और पुलिस को उसकी कारस्तानियों का पता चल चुका था। तलाश थी तो सिर्फ सुबूत की। धूमनगंज पुलिस ने सीनियर सब इंस्पेक्टर धनंजय वर्मा के नेतृत्व में सुबूत जुटाने के लिए एक टीम भोपाल भेजी थी। वहां पूछताछ में कलई परत-दर-परत खुलती चली गई। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पुलिस ने मानसी को वहीं गिरफ्तार कर लिया था मगर वीडियो क्लिप, वाइस रिकार्डिग और कॉल डिटेल की पूरी जानकारी एकत्र करने के लिए उससे पूछताछ की जाती रही। धूमनगंज पुलिस ने मानसी की गिरफ्तारी सूबेदारगंज की आरपीएफ कालोनी में रहने वाले उसके रिश्तेदार धर्मेद्र द्विवेदी के घर से दिखाई है। माना जा रहा है कि मानसी ने अपना मोबाइल फोन और लैपटॉप, जिसमें से उसके प्रदीप के साथ अंतरंग वीडियो और चैटिंग का पूरा ब्योरा है, उसे यहीं छिपा रखा था।

प्रदीप को शायद यह बात पता थी कि पुलिस सोमवार को उसकी गिरफ्तारी दिखाकर उसे जेल भेज देगी। वह खुद भी आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट आया था मगर पुलिस की मौजूदगी की वजह से वह से भाग निकला। मानसी और अनुपम की शादी से प्रदीप किस कदर खफा था, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने उसी तारीख को अनुपम को ठिकाने लगाने की सोची जिस दिन उसकी शादी हुई थी। 23 फरवरी 2012 को अनुपम ने मानसी से शादी की थी और ठीक एक साल बाद 23 फरवरी 2013 को उस पर जानलेवा हमला किया गया। इकलौते बेटे अनुपम की मौत के बाद डॉक्टर केके पांडेय को जब उन्हें अपनी बहू की करतूत का पता चला था तो वह भावुक हो गए थे। स्वरूपरानी अस्पताल में मीडिया ने जब उनसे प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने रूंधे गले से सिर्फ इतना कहा था कि ‘मैं तो यही कहूंगा कि कोई लड़का शादी ही न करे।’