लखनऊ : सांप्रदायिक दंगों की बदनामी झेल रही अखिलेश यादव की उप्र सरकार मायावती के फंडे पर लौट आयी है। मुख्य सचिव ने शनिवार को घोषणा की कि सूबे के किसी भी जिले में अगर सांप्रदायिक तनाव और दंगा हुआ तो वहां के डीएम और एसपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री सोमवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी करेंगे।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की ओर से सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं पर रोक के लिए चेतावनी के साथ त्वरित कार्रवाई के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। दरअसल, प्रदेश में अखिलेश सिंह यादव की सरकार बनने के बाद अब तक सांप्रदायिक तनाव की 27 घटनाएं हुई। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई और विपक्ष भी हमलावर हो गया। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भी अपने मुख्यमंत्री पुत्र को तमाम नसीहत दी और अफसरों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। वैसे तो सपा सरकार ने पहले ही भी इस तरह के दिशा निर्देश जारी किये हैं, लेकिन अब इस बार काफी गंभीरता बरती गयी है।