लखनऊ : प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में यादव बंधु और सीओ कुंडा की हत्या के बाद बुलेट, सीओ की पिस्टल और अन्य साक्ष्यों के गायब होने की घटना को पुलिस महकमे ने गंभीरता से लिया है। साक्ष्यों को सुरक्षित रखने और विवेचना की शैली में बदलाव लाने के लिए मातहतों को विशेष हिदायत दी गयी है। यद्यपि पहले भी ऐसे दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं, लेकिन अब इसे तत्काल प्रभाव से लागू किये जाने का फरमान सुना दिया गया है।
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प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी, एसएसपी, परिक्षेत्र के उप महानिरीक्षक और जोन के आइजी को परिपत्र भेजकर विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाये जाने के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद पूछताछ के लिए महिलाओं और बच्चों को थाने बुलाने पर रोक लगा दी गयी है और उनके घर जाकर बयान लेने के निर्देश दिए गये हैं। घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना स्थल को सुरक्षित रखने और विवेचक द्वारा मौके पर पहुंचकर बारीक निरीक्षण के निर्देश दिए गये हैं। विश्वकर्मा ने बताया कि जघन्य गंभीर अपराध की जानकारी मिलते ही पुलिसकर्मी घटनास्थल के इर्द-गिर्द येलो टेप लगाकर अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश को रोक देंगे। फील्ड यूनिट घटनास्थल पर पहुंचकर आवश्यक साक्ष्य विवेचक की मौजूदगी में एकत्र करेगी। इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी। नक्शा नजरी बनाये जाने के साथ ही मौके से प्राप्त भौतिक साक्ष्यों को तरतीब से पैकिंग कर दो स्वतंत्र गवाहों के समक्ष सील मोहर किया जायेगा और फर्द पर गवाहों के भी हस्ताक्षर होंगे। विवेचना की कार्ययोजना बनाकर विशेषज्ञों का भी मत प्राप्त करने की हिदायत है।
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सीओ को जायेगी हत्या और दुष्कर्म की गोपनीय रिपोर्ट :
आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि प्रत्येक दिवस की लिखी हुई केस डायरी 24 घंटे के अंदर क्षेत्राधिकारी कार्यालय भेजी जायेगी। हर दिन यह सुनिश्चित किया जायेगा कि विवेचना कार्य-योजना के अनुसार ही चल रही है। उन्होंने बताया कि हत्या और बलात्कार की विवेचना के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विवेचक अपनी संस्तुति अंकित करते हुए गोपनीय रिपोर्ट बनाकर क्षेत्राधिकारी को प्रस्तुत करेगा और क्षेत्राधिकारी अपनी टिप्पणी के साथ एएसपी और एसपी को रिपोर्ट प्रेषित करेगा। साक्ष्य के आधार पर संस्तुति किये जाने पर पर्यवेक्षण अधिकारी किसी अभियुक्त का नाम हटाने व बढ़ाने तथा अपराध की धारा हटाने व बढ़ाने या आरोप पत्र भेजने पर अपना सुस्पष्ट मत अंकित करेंगे। विवेचक द्वारा पर्यवेक्षक अधिकारी के मत के आधार पर आरोप पत्र अथवा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
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