हर जोन में बनेगी साइबर क्राइम सेल, SOG का काम ख़त्म

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police investigationलखनऊ : एक जगह बैठकर कुछ ही देर के भीतर दुनिया भर में किसी को भी निशाना बना लेने वाले साइबर अपराधियों से निपटने के लिए पुलिसवालों ने खूब दिमागी कसरत की है। उनके हौसले के लिए डीजीपी एसी शर्मा ने गुरुवार को आगे बढ़कर न सिर्फ अधीनस्थों की पीठ थपथपाई बल्कि उन्हें नकद पुरस्कार का तोहफा दिया। लखनऊ स्थित साइबर क्राइम सेल को उपकरणों व सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए पांच लाख रुपये देने तथा जल्द सभी आठ जोन में साइबर क्राइम सेल खोले जाने की घोषणा भी की। अब देखना यह होगा कि प्रशिक्षण हासिल कर चुके पुलिसजन किस हद तक साइबर अपराधियों से निपटने की चुनौती पर खरे उतरते हैं।
– डीजीपी ने प्रशिक्षण लेने वाले पुलिसकर्मियों को दिए प्रमाणपत्र
-राजधानी को उपकरणों की खरीद के लिए मिले पांच लाख
– निजी कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में पूरा हुआ पहला ट्रेनिंग कैंप

सप्रू मार्ग स्थित एक निजी कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञों ने 20 फरवरी से 14 मार्च तक लखनऊ व कानपुर जोन के 42 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को आइटी एक्ट व साइबर क्राइम से लड़ने के तरीकों का तकनीकी प्रशिक्षण दिया। गुरुवार को सप्रू मार्ग स्थित एक होटल में आयोजित समापन समारोह में डीजीपी ने प्रशिक्षण हासिल करने वाले पुलिसजनों को प्रमाणपत्र वितरित किए। इस मौके पर आइजी जोन सुभाष चंद्र, डीआइजी नवनीत सिकेरा, एसएसपी जे रवींद्र गौड व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। डीजीपी ने कहा कि उनका प्रयास है कि पुलिसजनों का हर नई तकनीक के बारे में ज्यादा जानकारी दिलाई जाए। मोबाइल फोन व इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराधों की बढ़ती संख्या को देखत पुलिस महकमे में अधिक से अधिक साइबर क्राइम के एक्सपर्ट पुलिसजनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल्द हर जोन में राजधानी की तर्ज पर साइबर क्राइम सेल स्थापित किया जाएगा। वहीं इसके बाद हर डीआइजी रेंज आफिस के स्तर पर साइबर लैब का विकास किए जाने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए साइबर क्राइम सेल के नोडल अधिकारी सीओ दिनेश यादव की सराहना करते हुए डीजीपी ने उन्हें भविष्य में और विस्तृत व प्रभावशाली प्रशिक्षण कोर्स विकसित करने का निर्देश भी दिया। कार्यक्रम में उपनिरीक्षक अजय सिंह, बाराबंकी के इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह तथा रायबरेली में तैनात उपनिरीक्षक आशीष कुमार द्विवेदी ने प्रशिक्षण से जुड़ी अपनी प्रस्तुतियां भी दीं।
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उत्साह के लिए नकद पुरस्कार

प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों की एक परीक्षा भी कराई गई। डीजीपी ने इस परीक्षा में अव्वल रहे उन्नाव में तैनात उपनिरीक्षक मनोज मिश्रा को 10 हजार रुपये, द्वितीय रहे लखनऊ क्राइम ब्रांच में तैनात उपनिरीक्षक अजय सिंह को छह हजार तथा तृतीय रहे फतेहगढ़ में तैनात उपनिरीक्षक अशोक कुमार को चार हजार रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। डीजीपी ने कहा कि आने वाले दिनों में तीन चरणों में अन्य जोन के पुलिसजनों को भी यही प्रशिक्षण दिया जाना है।

विशेषज्ञों ने सिखाए गुर

प्रशिक्षण में विशेषज्ञ सचिन गुप्ता, मयंक खरे व अन्य ने पुलिसजनों को विशेषकर आइटी एक्ट 2001 की धाराओं, ईमेल इंवेस्टीगेशन, वेबसाइट हैक करने तथा किसी वेबसाइट के बारे में पूरी जानकारी जुटाने, किसी आइपी एड्रेस को ट्रेस करने, प्रॉक्सी सर्वर के जरिए भेजी गई मेल को ट्रेस करने, ईमेल व बैंकफ्राड की विवेचना, स्टैनोग्राफी, फेसबुक से जुड़े मामलों की जांच करने, कॉलडिटेल से जल्द महत्वपूर्ण तथ्य निकालने, फोरेंसिक जांच के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां व अन्य तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।
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