नई दिल्ली: वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में 3600 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के मामले में सीबीआई ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी तथा 12 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। प्राथमिकी में दो नए नाम भी शामिल किए गए हैं, जो एजेंसी की प्रारंभिक जांच का हिस्सा नहीं थे। उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बगरोडिया के भाई एवं आईडीएस इन्फोटेक के अध्यक्ष सतीश बगरोडिया तथा इसी कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रताप अग्रवाल शामिल हैं ।
त्यागी भारतीय वायुसेना के ऐसे पहले प्रमुख हैं, जिनका नाम सीबीआई ने भ्रष्टाचार या आपराधिक मामले में लिया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की कम से कम 12 टीमों ने दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और चंडीगढ़ के आलीशान इलाकों में स्थित 14 परिसरों पर समन्वित छापे मारे। इनमें त्यागी, उनके रिश्तेदारों के आवास और फिनमेकेनिका, अगस्तावेस्टलैंड, आईडीएस इन्फोटेक और एरोमैट्रिक्स के कार्यालय तथा अन्य स्थान शामिल हैं। एजेंसी ने चार कंपनियों इटली स्थित फिनमेकेनिका, ब्रिटेन स्थित अगस्तावेस्टलैंड और चंडीगढ़ स्थित आईडीएस इन्फोटेक तथा एरोमैट्रिक्स के नाम भी मामले में शामिल किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्राथमिकी में संदिग्ध यूरोपीय बिचौलियों कालरे गारोसा, क्रिस्चियन माइकल और गुइडो हैशखे, पूर्व में एरोमैट्रिक्स से जुड़े अधिवक्ता गौतम खेतान तथा इसके मुख्य कार्याधिकारी प्रवीण बख्शी, फिनमेकेनिका के पूर्व अध्यक्ष ग्यूसेप ओरसी, अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी ब्रूनो स्पैगनोलिनी, त्यागी, जूली, डोक्सा और संदीप के नाम शामिल हैं। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने सोलह दिन तक चली अपनी प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज करने के लिए साक्ष्य जुटाए। यह मामला अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा हासिल करने के लिए 362 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत दिए जाने से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि एजेंसी को इटली से कुछ दस्तावेज तथा रक्षा मंत्रालय से फाइलें मिल गई हैं, जिनसे हेलीकॉप्टर के लिए जरूरी नियम शर्तों में बदलाव करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का संकेत मिलता है. जो अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में था।