लखनऊ : 1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में विज्ञान और गणित के प्रश्नों से छूट दी जा सकती है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को यह राहत देने के लिए परिषदीय स्कूलों में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य भाषा परीक्षा को समाप्त करने की मंशा है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की धारा-17 को खत्म करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है।
1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक परिषदीय स्कूलों में खुद को उर्दू शिक्षक नियुक्त करने के लिए टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए नियमों के तहत राज्य सरकार के लिए उन्हें टीईटी से छूट दे पाना संभव नहीं है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को उर्दू शिक्षक नियुक्त करने का रास्ता निकालने के लिए उन्हें टीईटी में जहां विज्ञान और गणित के प्रश्नों से निजात देने की मंशा है। वहीं उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली की धारा-17 को निरस्त करने का भी प्रस्ताव है। धारा-17 के तहत परिषदीय स्कूलों में नियुक्त किये जाने वाले भाषा शिक्षकों के लिए 100 नंबर की भाषा परीक्षा में 50 अंक पाना अनिवार्य है। भाषा परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंक चयन के लिए बनायी जाने वाली मेरिट में शामिल किये जाते हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।