लखनऊ। सीओ हत्याकांड में जहा सीबीआई के हाथ धीरे धीरे प्रदेश के पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की तरफ बढ़ रहे है। जहां उनके सियासी साथियों ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया है, वहीं बिरादरी के नाम पर भी सहयोग हो रहा है। यहां बिरादरी से मतलग दबंगों की बिरादरी से है। हद तो यह है कि राजनीति में दो अलग-अलग छोरों पर खड़े लोग भी इस मुद्दे पर एक जुट नजर आ रहे हैं।
जब से सीबीआई ने इस केस की जांच अपने हाथो में लेकर राजा भैया के खिलाफ ह्त्या का मुकदमा दर्ज कराया है तब से लखनऊ की सियासत में हलचल तेज हुई है। कहते है कि आजकल प्रदेश कि राजनीति का है- “सूप तो सूप चलनी भी बोली जिसमें बहत्तर छेद” | राज भैया के खिलाफ मामला दर्ज होते ही उनके राजनीतिक भाइयों में हलचल तेज़ हो गई है। रायबरेली से दबंग और बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह ने कहा की सीओ हत्याकांड मामले से पूर्व मंत्री का कुछ भी लेना देना नहीं है वो पूरी तरह से निर्दोष है, उन्हें किसी बड़े राजनेता के इशारे पर नौकरशाही ने इस मामले में फंसा दिया। वही निर्दलीय विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी का कहना है कि जिस तरह राजा भैया के खिलाफ तेज़ी से कार्रवाई की गई वो किसी न किसी साजिश के तहत की गई उनपर जीतनी तेज़ी से मामले दर्ज किये गए ये अपने में अचंभित करने वाला है। बीजेपी के गोरखपुर सांसद योगी आदित्य नाथ ने कहा कि राजा भैया निर्दोष हैं और यदि उनकी गिरफ़्तारी होती है तो आन्दोलन होगा| उधर सीबीआई ने जिस तरह साजिश के मुकदमें को ह्त्या के मुकदमें में बदला उसने भी सियासत की तरफ ही इशारा कर दिया।
अब यहाँ सवाल ये उठता है की जिस तरह सीबीआई को इस मामले के तह तक जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है सीबीआई क़त्ल की वजह साजिश करने वाले का चेहरा , और पूर्व मंत्री की भूमिका को तलाश पायेगी ? सीबीआई को एक तरफ तो नन्हे और सुरेश के कातिलों का पता लगाना है वही सीओ जिया उल हक के ह्त्या की वजह और कातिल को तलाशना है जो अपने में ही सीबीआई के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाला है। यहाँ हालात ये है की सीबीआई को बयानों , सबूतों , के लिए उन्ही गाँव वालों पर निर्भर होना होगा जिनके सामने ये सारे काण्ड हुए। सीबीआई को बलीपुर के गाव वासियों के बयानों पर भी निर्भर रहना होगा जो वो सीबीआई को बताएँगे। अब सवाल ये है की क्या गाँव वाले निष्पक्षता से सीबीआई के सवालों के जवाब देंगे या सीबीआई को अपने आगे पीछे घुमायेंगे। सीबीआई को उत्तर प्रदेश पुलिस से भी निपटना है। पुलिस सीबीआई का कितना साथ देती है ये समय के साथ पता चलेगा।
इन सारे सवालों में सबसे बड़ा और अनुतरित सवाल ये है कि कुंडा इलाके में कौन ऐसा है जो रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ गवाही देगा। जिस इलाके में राज भैया का क़ानून चलता हो वहा सीबीआई देश के कानून के तहत काम करके इस जघन्य कांड की परतो को खोलती है ये देखने वाली बात होगी।