प्रतापगढ़ के कुंडा में मारे गए डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा लगाए मरहम से संतुष्ट तो हैं, लेकिन पति के खोने का गम और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई में विलंब से गुस्सा बरकरार है। उनका कहना है कि कातिलों के खिलाफ कार्रवाई होने पर ही उन्हें सुकून मिलेगा। इसमें राजा भैया पर भी सरकार को कार्रवाई करनी है जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। परवीन ने खुलासा किया है कि उसके पति को नंगा करके गोली मारी गयी। इसका सुबूत उनकी वर्दी है जिसपर गोलियों के निशान नहीं हैं। परवीन ने कहा कि यही दिखाने के लिये उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश को बुलाया था।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में सीओ के तौर पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है| पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंगलवार को आ गई है| पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि जियाउल हक को सिर्फ एक ही गोली मारी गई थी| रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली पीठ पर लगते हुए अगले हिस्से से निकली थी| पुलिस को अब तक गोली नहीं मिली है| वहीँ जियाउल हक़ की पत्नी परवीन आजाद ने बताया है कि उनके पति को तीन गोली मारी गई थी| परवीन ने बताया कि उनके पति के शरीर कई हिस्सों में चोट व दो गोलियां पैरों में व एक सीने में मारी गई थी| परवीन आज़ाद ने आरोप लगाया कि पति की हत्या पीट-पीट कर की गई। उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। शरीर के कपड़े फाड़ डाले गए। पति जान बख्शने की भीख मांगते रहे। बावजूद इसके हत्यारों ने कपड़े उतारकर उन्हें गोली मारी।
पुलिस को दी अपनी तहरीर में डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने कहा कि राजा भैया के समर्थकों ने मेरे पति पर पहले लाठी-डंडों, छड़ों से हमला किया और फिर उन्हें गोली मार दी। परवीन ने कहा, ‘राजा भैया के कई मामलों की जांच मेरे पति कर रहे थे। इसीलिए मौका देखकर उनकी हत्या करवा दी गई।’
देवरिया के नूनखार गांव के जुआफर टोला स्थित ससुराल (डीएसपी का घर) में शनिवार से ही बिना खाए-पीए बैठीं परवीन आजाद से शनिवार को भी सियासी दलों के नेताओं के मिलने का सिलसिला जारी रहा। परिजनों, शुभचिंतकों, नेताओं से घिरी परवीन के आंसू अब सूख गए हैं, लेकिन गम और गुस्सा बरकरार है। जब भी कोई संवेदना व्यक्त करने पहुंचता पति को याद कर वह पुलिस तंत्र पर बिफर पड़ती हैं। वह पति की हत्या के लिए बार-बार राजा भैया को कसूरवार ठहराती हैं और अब तक उनके खिलाफ कार्रवाई न होने पर पुलिस और सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करती हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही और उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल के नेतृत्व में मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से भी उन्होंने कातिलों को सजा दिलाने तक लड़ाई जारी रखने की बात कही।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रति परवीन ने सम्मान का भाव व्यक्त किया। सोमवार को गांव पहुंचकर जिस तरह उन्होंने सभी मांगे पूरी की उससे परवीन के चेहरे पर थोड़ी तसल्ली दिखी। बातचीत में भी सम्मान का भाव व्यक्त हुआ। जागरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरे साथ परिवार जैसा व्यवहार किया। मेरी सारी मांगें मान ली। उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा। मेरा मतलब किसी को फंसाना नहीं, लेकिन राजा भैया सहित पति के सभी कातिलों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पति जिया उल हक को बाबू कहकर संबोधित करते हुए परवीन ने कहा कि उनकी हत्या भीड़ ने नहीं की, सुनियोजित ढंग से बेरहमी से कराई गई है। पहले उनकी पिटाई की गई, फिर कपड़े उतरवा कर गोली मारने के बाद शव को घसीटते हुए गेहूं के खेत में फेंक दिया गया। यह अमानवीय कार्रवाई है। इसका जख्म हमेशा मेरे दिल में बना रहेगा।
राजा भैया के दबाव में खनन माफियाओं पर रोकी थी कार्रवाई
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कुंडा में तैनाती होने के बाद से ही बाबू (जिया उल) अपनी और मेरी सुरक्षा को लेकर काफी परेशान रहते थे। उन्होंने बालू खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसे ऊपर (राजा भैया की ओर संकेत करते हुए) के इशारे पर प्रशासन ने रोकवा दिया।
अचानक छुट्टी स्वीकृत होने में एसपी की भूमिका की हो जांच
परवीन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की भूमिका पर भी सवाल उठाया और जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मेरे पति ने कई दिन पूर्व छुट्टी की मांग की थी जिसे स्वीकृत नहीं किया गया, लेकिन घटना के दिन देर रात में उन्हें प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक द्वारा अचानक छुट्टी दे दी गई। यह बात पति ने मुझे बताई थी। उन्होंने बताया कि शनिवार को मैंने जियाउल से लखनऊ आने के लिए कहा तो वह बोले रविवार को सुबह आऊंगा और रात में ही यह घटना हो गई। उन्होंने मांग की कि अचानक छुट्टी दिए जाने को जांच की परिधि में लाया जाना चाहिए। परवीन ने कहा कि जब भी वे चलते थे तो कैमरा, मोबाइल व सर्विस रिवाल्वर साथ रखते थे। हत्या के बाद किसी का इसके बारे में पता नहीं है। घटना के दिन घर की चाभी भी उन्हीं के पास थी। वह भी अभी तक नहीं मिली। घर के अंदर जांच से संबंधित कई कागजात भी हैं।