FARRUKHABAD : वर्षों से वैसे सब ठीक ठाक चल रहा था। कोई किसी पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज करा रहा था लेकिन जब पेट पर आ बनी तो किन्नरों ने एक दूसरे की पोल ऐसे खोली कि बखेड़ा ही खड़ा हो गया। गंगा नगर निवासी किन्नर ने शहर के अन्य कई किन्नरों के नाम बता दिये जिन्हें जबरन किन्नर बनाकर बेचा गया।
किन्नर समुदाय जनपद में ही क्या पूरे प्रदेश व देश में शुभ समय पर बधाइयां व शुभकामनायें देकर नेग वसूली का काम करते हैं। इसी से उनका पेट भी पलता है। वसूली की कमाई हजारों में नहीं वल्कि कहीं कहीं तो करोड़ों में आती है। लेकिन जब ऐसी ही कमाई को हाथ से निकलते देखा जाता है तो एक दूसरे की पोल खोलना भी आम बात है। ऐसा ही हुआ शहर के किन्नरों में। शीतल, मुस्कान व काजल ने एक सप्ताह से शहर में जो उपद्रव करवाया इसके पीछे भी बजह ही यही थी। लेकिन दाल न गलते देख तीनो ने अपने साथियों की पोल खोलना शुरू की जिसमें एक रहस्यमय तथ्य सामने आये, जबरन किन्नर बनाने का। 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। दोनो पक्ष एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गये। एक तरफ मुजम्मिल हाजी और दूसरी तरफ शीतल, मुस्कान व काजल। शहर महाभारत का कुरुक्षेत्र सा बना था। रात हो या दिन सभी अपने अपने इलाके पर कब्जा करने को लेकर झगड़ते नजर आये। लेकिन जब शहर कोतवाली में दोनो पक्षों को आमने सामने बुलाकर समझौते की बात कही गयी तो फिर समस्या ऐसे खत्म हुई जैसे बर्फ से पानी।
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गिरगिट की तरह बार बार रंग बदल रही शीतल, मुस्कान और सोनिया मुजम्मिल हाजी के गले में लिपट कर अपने द्वारा लगाये गये आरोपों की क्षमा तक मांग ली। लेकिन यह बात वहां खड़े लोगों को नजर नहीं आयी कि जिस व्यक्ति के लिए वह तीनो जान के दुश्मन बने थे। अचानक उन्हें ऐसा क्या मिल गया कि सब कुछ एक मिनट में ही मैत्रीमय बन गया। मामला कुछ भी हो लेकिन इस पूरे प्रकरण में एक बात तो साफ हो गयी कि किन्नरों की वसूली तो शहर में होती ही है लेकिन इन किन्नरों में कुछ युवा भी महिलाओं जैसे कपड़े पहन कर लोगों को गुमराह करते हैं। जिसमें से एक नाम है गंगा नगर की शीतल उर्फ परवेज का। जो वैसे तो अच्छा खासा मर्द है लेकिन किन्नरों की तरह हरकतें करना और उनकी तरह वेश भूषा बनाकर आम जनता से पैसे वसूलने में पूरी तरह माहिर है। एक शीतल ही नहीं शहर में न जाने ऐसे कितने युवा हैं जो जनता को लूटने का काम कर रहे हैं।