प्रतापगढ़/लखनऊ. डीएसपी मर्डर केस में बवाल बढ़ने के बाद रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी के खाद्य एवं रसद मंत्री के पद से इस्तीलफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि विपक्ष के बढ़ते दबाव के चलते सीएम अखिलेश यादव ने राजा भैया से इस्तीाफा लिया है। खुद ड्राइव कर सीएम से मिलने पहुंचे राजा भैया ने अखिलेश यादव के लखनऊ स्थित सरकारी निवास पर जाकर इस्ती फा सौंपा। उनकी गिरफ्तारी के कयास भी लगाए जा रहे हैं। डीएसपी जिया उल हक की विधवा देवरिया स्थित अपने घर पर धरने पर बैठ गई हैं। उनकी मांग है कि राजा भैया को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तब तक शव को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया जाएगा। मौके पर सूबे के गृह सचिव और डीजीपी मौजूद हैं।
प्रतापगढ़ जिले में कुंडा से विधायक राजा भैया ने डीएसपी की हत्याय को दुर्भाग्य।पूर्ण करार दिया है। अखिलेश सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा है कि डीएसपी के मर्डर से सरकार का सिर शर्म से झुक गया है। यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र से दखल देने की मांग करते हुए कहा कि यूपी में गुंडों और माफियाओं का राज है। हालांकि, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया का इस्तीाफा मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि विपक्ष की मांग पर सूबे में राष्ट्र पति शासन नहीं लगाया जाएगा। मुलायम ने कहा कि बीएसपी के शासन में भी कानून की धज्जियां उड़ी थीं।
सीओ को उन्हीं की रिवॉल्वर से मारी गई गोली
कुंडा के बलिपुर गांव में डीएसपी जियाउल हक को उन्हींत की सर्विस रिवॉल्वूर से गोली मारी गई थी। बदमाशों ने पहले तो उनकी सर्विस रिवॉल्वीर छीन ली और उसके बाद उन्हेंश गोली मार दी। डीएसपी को सिर्फ एक गोली मारी गई जो उनके फेफड़े को चीरती हुई चली गई। इसी से उनकी मौत भी हुई। वहीं ग्राम प्रधान नन्हेंक यादव का दूसरा छोटा भाई सुरेश भी अपने ही पक्ष द्वारा चलाई गई गोलियों का शिकार हुआ। पोस्टचमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पुलिस अधिकारियों की माने तो इन दोनो ही घटनाओं में राजा भइया का ड्राइवर गुड्डू शामिल रहा है। हत्यारकांड में आरोपी गुड्डू और राजीव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में रविवार को राजा भैया व उनके तीन करीबियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। शासन स्तर पर बैठक की मंजूरी के बाद सीओ की पत्नी परवीन आजाद की तहरीर पर मंत्री के तीन करीबियों को हत्या का मुख्य आरोपी जबकि मंत्री राजा भइया को मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया है। हथिगवां पुलिस ने देर रात को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें से एक मंत्री राजा भइया का ड्राइवर व क्षेत्रधिकारी की हत्या का आरोपी है। दूसरा ग्राम प्रधान की हत्या का आरोपी है। गिरफ्तार दोनो आरोपी सगे भाई हैं। कुंडा में हुई घटना के अन्य आरोपी फरार हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतापगढ़ के एसपी अनिल कुमार राय को पद से हटा दिया है।
परवीन की शिकायत के मुताबिक उनके पति की हत्या राजा भैया के इशारे पर की गई है। उन्होंने शिकायत में राजा भैया के समर्थक कुंडा पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, शमित सिंह, हरिओम श्रीवास्तव और गुड्डू सिंह के नाम लिए हैं। इनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। राज्य के एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने इसकी पुष्टि की। कुमार ने बताया कि तीनों हत्याओं में तीन और मुकदमे दर्ज हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, इन हत्याओं का कारण जमीनी विवाद हो सकता है। हालांकि जांच अभी चल रही है।
ये है मामला
प्रतापगढ़ जिले में हथिगवां क्षेत्र के बलीपुर गांव में शनिवार शाम ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या की गई थी। इसके बाद भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इस हमले में डीएसपी की मौत हो गई। आठ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
20 लाख मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीएसपी हक के परिजनों को 20 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने पूरी घटना की अधिकारियों से जानकारी मांगी है।
विपक्ष का हमला
विपक्ष ने डीएसपी के मर्डर के लिए अखिलेश यादव सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि विधानसभा में इसे पुरजोर ढंग से उठाया जाएगा। भाजपा, कांग्रेस और बसपा का कहना है कि इस मामले में राजा भैया की भूमिका की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि प्रधान और उसके भाई की हत्या में राजा भैया के समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है।
मुख्यकमंत्री ने भी माना कि कानून व्यठवस्थाक कंट्रोल के बाहर
प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वीकार किया है कि सूबे में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है। रविवार को कानपुर पहुंचे मुख्येमंत्री ने सूबे में बिगड़ते क़ानून व्यवस्था पर चिंता जताई। प्रदेश में कानून व्यवस्था के सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने साफ़ किया कि इसके लिए नये सिरे से काम करना होगा, ताकि सूबे में बिगड़ी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके।
वहीं राजा भैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के मामले में भाजपा के प्रदेश अध्य क्ष लक्ष्मीजकांत बाजपेई नहीं कहा कि इस प्रदेश में कानून का शासन नहीं है। इस सरकार को सत्ता् में रहने का हक नहीं है। लगता है कि समाजवादी पार्टी का मोहभंग राजा भैया से हो रहा है, एक अवसर उसे मिला है, जिसके बाद धीरे-धीरे वह उनसे किनारा कर रही है। उधर कांग्रेस के वरिष्ठर नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि इस देश में सभी को अधिकार है कि वह एफआईआर दर्ज करा सकता है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह निष्पकक्ष जांच कराए। एक पुलिस अफसर ऑन ड्यूटी मारा गया है, यह गंभीर मामला है। आपको बता दें कि मामले में अभी तक चार मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक में राजा भैया को भी नामजद किया गया है।