इंटरनेट को लेकर कई बार रिपोर्ट आ चुकी है कि भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल है जहां इंटरनेट के बंद होने की सबसे ज्यादा संभावना है। हाल में आई एक रिपोर्ट ने एक बार फिर भविष्य में हमारे यहां इंटरनेट बंद हो जाने की बात को पुख्ता किया है।
इसकी मुख्य वजह भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ग्लोबल आईएसपी) की संख्या घटती हुई संख्या है। भारत में जहां इंटरनेट सर्विस चीन-अमेरिका जैसे कई बड़े देशों की तुलना में काफी महंगी है। वहीं, इसकी सर्विस से लेकर स्पीड तक की स्थिति काफी खराब है।
इंटरनेट को लेकर भारत की इन स्थितियों के बीच दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं जहां, यूजर को इंटरनेट को लेकर पूरी फ्रीडम मिली हुई है। साथ ही यहां स्पीड, क्षमता और रियायती कीमत भी बहुत बेहतर है। साउथ कोरिया में तो इंटरनेट सबसे तेज रफ्तार से चलता है। इतनी कि तीन घंटे की फिल्म केवल 20 सेकंड में डाउनलोड हो जाती है।
बतौर प्लेटफॉर्म इंटरनेट का इस्तेमाल दुनिया भर में अलग-अलग कारणों से किया जाता है। जहां, भारत और कई खाड़ी देशों में इंटरनेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पोर्न देखने में होता है, वहीं अमेरिका में अधिकतर यूजर्स इंटरनेट को यूज लाइव टीवी देखने के लिए करते हैं।
इंटनेट की बढ़ती उपयोगिता और इसके महत्व को आज कोई भी नकार नहीं सकता, भले ही काफी लोग इसका दुरुपयोग और गलत आदतों के लिए करते हैं, लेकिन बहुत से लोग और देशों में इसका उपयोग जरूरी और महत्वपूर्ण काम के लिए करते हैं।
1- इस्टोनिया : 75 फीसदी लोग यहां इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
यहां पूरे देश में वायरलेस इंटरनेट (वाई फाई) की एक्सेस है। चाहे आप एयरपोर्ट में हो या समुद्रतट या जंगल में, हर जगह इंटरनेट की पहुंच है। यहां एक्सेस भी फ्री है। इस्टोनिया में 25 फीसदी वोटिंग ऑनलाइन होती है। यहां पैरेंट्स अपने बच्चों की स्कूल की डेली एक्टिीविटी, टेस्ट के नंबर और होमवर्क को ऑनलाइन देख सकते हैं। यहां एक बिजनेस ऑनलाइन सेटअप तैयार करने में महज १८ मिनट का समय लगता है। इस्टोनिया में 993,785 इंटरनेट यूजर हैं, जो कि इस देश की पूरी आबादी का लगभग 78 फीसदी है। यहां की जनसंख्या 1, 274,709 है। इस्टोनिया में इंटरनेट पर सबसे अधिक फ्रीडम है।
उपयोग : अधिकतर उपयोग ई कमर्स और ई-गवर्नमेंट सेवाओं के लिए होता है। यहां प्रेस और ब्लागर ऑनलाइन कुछ भी कहने के लिए फ्री हैं। इस्टोनिया ने अमेरिका को पीछे कर दूसरे स्थान पर छोड़ा है। यह छोटा सा देश तकनीकी तौर पर पॉवर हाउस बन गया है। यहां ऑन लाइन वोटिंग, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस हैं। ब्रांडबैंड से अधिकतर सुसज्जित यह देश डिजिटल वर्ल्ड का एक मिथक बन कर उभरा है।
अमेरिका की जनसंख्या 313 मिलियन हैं, जहां 245 मिलियन लोग इंटरनेट के यूजर हैं। यहां पर इंटरनेट की पहुंच 78 फीसदी है और विश्व की 11 फीसदी आबादी इंटरनेट के यूजर के तौर पर शामिल हैं इस देश के लोग। इस्टोनिया के बाद इंटरनेट पर सबसे अधिक फ्रीडम अमेरिका, जर्मन, ऑस्ट्रेलिया, हंगरी, इटली और फिलीपींस है। यह देश दुनिया के अन्य देशों की तुलना में इंटरनेट पर अधिक फ्रीडम देना है। यहां पर कांग्रेसनल बिल का विरोध कर रही हैं, जिसका इरादा प्राइवेसी और नॉन अमेरिकी वेबसाइट होस्टिंग को लेकर है। आधे से अधिक अमेरिकी इंटरनेट पर टीवी देखते हैं। यहां पर मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग हेल्थ, ऑन लाइन बैंकिंग, बिलों का पेमेंट और सेवाओं के लिए करते हैं।
जर्मनी : जर्मनी में इंटरनेट का उपयोग सबसे अधिक सोशल मीडिया के उपयोग के लिए किया जा रहा है। वहीं अब अपनी अन्य जरूरतों, बैंकिग, पर्सनल वर्क आदि के लिए भी किया जा रहा है। पिछले पांच वर्षो में जर्मनी में ब्राडबैंड सेवाएं काफी सस्ती उपलब्ध हो रही हैं। इसके रेट इसकी स्पीड आदि पर निर्भर करती है। यहां पर इंटरनेट से टीवी और टेलीफोन सेवाएं भी एक साथ मिलती हैं।यहां की 73 फीसदी आबादी के घरों तक इंटनेट की पहुंच उपलब्ध है। जर्मनी के स्कूलों में छात्रों को फ्री में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जर्मनी में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड २क्क्क् से ५क्,क्क्क् केबीपीएम लगभग ९३ फीसदी यूजर के पास डीएलएस कनेक्शन है। जर्मनी की आबादी 81 मिलियन डॉलर है और 67 मिलियन इंटनेट यूजर हैं। यहां 83 फीसदी इंटनेट की एक्सेस है और विश्व के इंटरनेट यूजर की संख्या में यहां के लोगों की तीन फीसदी हिस्सेदारी है।
इटली : इटली में इंटरनेट तक 58.7 फीसदी लोगों की पहुंच है। यहां 35,800,000 लोग इंटरनेट के यूजर हैं। यहां 78 फीसदी लोग ईमेल भेजने और पाने के लिए इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है। इसके दूसरे नंबर पर 67.7 फीसदी यूजर ने नॉलेज के लिए और 62 फीसदी यूजर ने गुड्स एंड सर्विसेज के लिए किया है। एक सर्वे के अनुसार 34.1 मिलियर मोबाइल यूजर ने इंटरनेट को एक्सेस किया। इटली में इंटनेट (६एमबीपीज, अनलिमिटेड डाटा केबिल्स/ एडीएसएल) 25 यूरो डॉलर में प्रतिमाह के रेट से उपलब्ध है।
फिलीपींस : फिलीपींस में 10 लोगों में से केवल तीन लोगों तक ही इंटरनेट की पहुंच है। हालाकि इस देश का दावा है कि यह सोशल मीडिया के लिए विश्व का एक बड़ा सेंटर है। फिलीपींस में यूजर को इंटरनेट पर सबसे अधिक स्वतंत्रता मिली हुई है। यहां के लोग बिना किसी बाधा के इंटरनेट का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। फिलीपींस की कुल जनसंख्या (2011 के अनुसार) 1,660,992 है। इसमें में 32.4 फीसदी लोगों तक इंटनेट की पहुंच है। फिलीपींस के इंटरनेट यूजर की संख्या 33,600,000 हैं। यहां पर लोग सबसे अधिक इंटरनेट का उपयोग सोशल मीडिया के लिए करते हैं।
ब्रिटेन की आबादी लगभग 63 मिलियन है और यहां पर लगभग 53 मिलियन इंटरनेट यूजर है। इंटरनेट की एक्सेस 84 फीसदी लोगों तक है, जो विश्व के कुल यूजर की संख्या का दो फीसदी हैं।यहां पर उच्च स्तर पर इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वातंत्रता मिली हुई है। लेकिन हाल के वर्षो में सोशल मीडिया ट्विटर और फेसबुक पर लगाए आंशिक प्रतिबंध ने इंटरनेट पर पूर्ण स्वतंत्रता वाले देश की श्रेणी से बाहर कर दिया है। यहां पर इन सोशल मीडिया के सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यूके में 86 फीसदी इंटरनेट यूजर वीडियो साइट्स पर विजिट कर करती है। यहां 240 मियिलयन घंटे यूजर ऑन लाइन वीडियो कंटेंट देखते हैं। गूगल के बाद यहां यू ट्यूब, और फेसबुक पर विजिट करते हैं।
हंगरी : हंगरी में 59 फीसदी लोग इंटरनेट के यूजर हैं। पिछले 1990 से डायल अप कनेक्शनों की संख्या बढ़ी है। यहां वर्ष 2000 से ब्राडबैंड कनेक्शनों की संख्या में काफी तेजी आई। यहां 6,516,627 इंटरनेट यूजर हैं। यहां के यूजर अधिकतर कॉमर्शियल और मार्केटिंग मैसेज के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या : 22,015, 576 है, जिसमें से 19, 554,832 इंटरनेट यूजर हैं। ऑस्ट्रेलिया में इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेट में यूजर को काफी हद तक स्वतंत्रता मिली हुई है। वह सभी राजनीतिक, सोसाइटल डिस्कोर्स, ह्यूमन राइट के उल्लंघर आदि की जानकारी हासिल कर लेता है। ऑस्ट्रेलिया में इंटरनेट की उपलब्धता दर 79 फीसदी है। ऑस्ट्रेलिया के लोग अपने घरों से कई काम अपने मोबाइल पर कर लेते हैं।
अर्जेंटीना में पहली बार 1990 में इंटरनेट का उपयोग वाणिज्यक उपयोग के लिए शुरू किया गया था, हालाकि पहले इस पर एकेडमिक दृष्टिकोण से फोकस किया जा रहा था। दक्षिणी अमेरिका का यह अब सबसे बड़ा इंटनेट का उपयोग करने वाला देश है। यहां की अनुमानित जनसंख्या 42,192,492 है, जिसमें 28,000, 000 लोग इंटरनेट यूजर हैं। यह कुल संख्या के लगभग 66.4 फीसदी है। यहां 20,048,100 लोग फेसबुक पर हैं।
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका में पहली इंटनेट कनेक्शन 1998 में शुरू किया गया था। इसके बाद इंटरनेट का कार्मिशियल उपयोग 1993 से शुरू हुआ। अफ्रीका महाद्वीप में विकास की तुलना में दक्षिण अफ्रीका 13 वां सबसे अधिक इंटनेट की एक्सेस वाला देश है। इंटरनेट के उपयोग के मामले में यह देश अफ्रीका के अन्य देशों से कही आगे है। एक अनुमान के अनुसार यहां की जनसंख्या 48,810,427 है, जिनमें से 8,500,000 इंटरनेट यूजर हैं।
भारत : भारत मे इंटरनेट यूजर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यहां 121 मिलियन लोगों तक इंटरनेट की पहुंच हो चुकी है, जो कि कुल जनसंख्य का करीब 10 फीसदी है। दुनिया के सभी इंटरनेट यूजर्स देश में भारत कर हिस्सा 3 फीसदी है। यूज के मामले में भारत में इंटरनेट का यूज सबसे ज्यादा पोर्न फिल्में देखने के लिए किया जाता है। साथ ही इंटरनेट का यूज व्यक्तिगत जरूरतों जैसे बैंकिंग, ट्रेन इंफॉर्मेशन-रिजर्वेशन और अन्य सेवाओं के लिए भी होता है।
जापान : इंटरनेट का उपयोग अधिकतर ब्लागर के लिए करते हैं। जापान के कल्चर में ब्लॉग बड़ा रोल अदा करते हैं। औसतन जापना का एक यूजर ६२.६ मिनट अपने समय का उपयोग ब्लाग पर करता है। इसके बाद दक्षिण कोरिया के यूजर हैं, जो ४९.६ मिनट और तीसरे स्थान पर पोलैंड के यूजर हैं, जो ४७.७ मिनट अपना वक्त ब्लांग पर देते हैं।
ब्राजील : यहां ४२ फीसदी लोग हर दिन सोशल मीडिया के लिए इंटरनेट का उपयोग रकते हैं। १८ से २४ साल आयुवर्ग के युवा सबसे अधिक इंटनेट का उपयोग कर रहे हैं। मैट्रोपोलिटन शहरों में इंटरनेट का उपयोग टीवी देखने के लिए बहुत अधिक हो रहा है।
सबसे महंगा इंटरनेट तुर्केमेनिस्तान में-
दुनिया में इंटरनेट की सेवा सबसे अधिक महंगी तुर्केमेनिस्तान में है। यहां अनलिमिटेड इंटनेट एक्सेस के लिए डॉलर की दर से २0४८ है, जो एक माह में ६,८२१.0१डॉलर तक पहुंच जाती है। यहां सबसे सस्ती इंटरनेट सेवा ४३.१२ डॉलर प्रति माह में यूजर को २ जीबी ६४ केबीपीएस सीमित है। जबकि रूस में हाई स्पीड अनलिमिटेड इंटरनेट लगभग २0 डॉलर प्रति माह है।
सबसे तेज इंटरनेट स्पीड दक्षिण कोरिया में-
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट की स्पीड तेज होने पर एक परिवार साल भर में इंटरनेट पर होने वाले खर्च में से करीब 5 लाख रुपये बचा सकता है। इसमें सबसे ज्यादा पैसा एंटरटेनमेंट, ऑन लाइन डील, डेली सर्च और ट्रैवल में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट के रूप में बचा सकता है। औसत वर्ल्ड वाइड डाउनलोड स्पीड ५८क् किलोबाइट प्रति सेकंड है। दक्षिण कोरिया में सबसे अधिक इंटरनेट की औसत स्पीड सबसे तेज है। यहां की स्पीड 2202 केबीपीएस है। पूर्वी यूरोपीय देश रोमानिया दूसरे स्थान पर 1909 और बुल्गारिया तीसरे स्थान पर 1611 केबीपीएस के साथ है। स्पीड के मामले में हांगकांग में इंटरनेट की औसत पीक स्पीड 49 एमबीपीएस है। जबकि अमेरिका में 28 एमबीपीएस है। हालाकि अमेरिका विश्व का सबसे अधिक इंटरनेट से जुड़ा हुआ देश है।