फर्रुखाबाद: अब उनसे कौन कहे और किसकी इतनी मजाल कि खाकी पर सवालिया निशान लगाने का दुस्साहस करे। दूसरों की सुरक्षा और कानून का पालन करने के लिए लगायी गयी खाकी ही जब अपने ही उच्चाधिकारियों के आदेश की धज्जियां उड़ाती है लेकिन इसके बावजूद भी आम जनता इतना साहस नहीं जुटा पाती कि उस पर प्रश्न खड़ा कर सके। सवाल यह है कि बीते दिनों ही नगर मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी ने डिवाइडर व्यवस्था के जो आदेश शहर में किये थे उनके आदेश को उन्हीं के रक्षक बखूबी धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। इसे तो यही कहेंगे, हम तो पुलिस हैं हमारे लिये कोई कानून नहीं।
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नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार व क्षेत्राधिकारी योगेन्द्र कुमार ने शहर में बाइकों को सड़क के बीचों बीच खड़ी कराकर डिवाइडर व्यवस्था लागू करायी थी और इस आदेश के जनता से पालन कराने के लिए वीट सिपाहियों व अन्य पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया था। जिससे कुछ दिनों जनता को काफी सहुलियत रही। जाम की समस्या काफी हद तक कम हो गयी। लेकिन फर्रुखाबाद में आदेश और कानून महज गुब्बारे में भरी हवा के जैसे हैं जो कुछ ही दिनों में निकल जाती है। यही आलम इस समय शहर की डिवाइडर व्यवस्था का है। मजे की बात तो यह है कि डिवाइडर व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित कराने के लिए जिन पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है वही इसको मानने को तैयार नहीं है। सीएम के आदेश के अनुसार कोई भी बाइक सड़क के किनारे नहीं खड़ी की जायेगी और खड़ी पायी गयी तो उस पर जुर्माना किया जायेगा। लेकिन चौक पर इस डिवाइडर व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए लगाये गये यह महाशय अपनी बाइक को बखूबी चौक बाजार में खड़ी तो की ही साथ में मोबाइल पर फोन करने में मसगूल रहे।