फर्रुखाबाद: आरटीआई एक्टिविस्ट व शिक्षक आनंद प्रकाश सिंह की हत्या के मामले में पुलिस के ढिलमुल रवैये पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकेश राजपूत काफी नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ दल के लोगों के दबाव में पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सपा नेता उर्मिला राजपूत की भूमिका पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के एक वरिष्ठ नेता के भांजे की हत्या हो जाती है और अपराधी 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खुलेआम घूमते हैं। यह कैसी कानून व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में मेरी सरकार होती तो और मामला चाहे मेरे परिवार का न भी होता तो भी अपराधी अभी तक जेल की सलाखों के पीछे होते।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश राजपूत सोमवार को आनंद प्रकाश के परिजनों को सांत्वना देने श्यामनगर पहुंचे ने पुलिस प्रशासन व प्रदेश सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दर्ज करायी। उन्होंने कहा कि पुलिस सत्ता के दबाव में अपराधियों को नहीं पकड़ रही है। पुलिस को मालूम है कि अपराधी कौन है लेकिन इसके बावजूद भी सत्तारुढ दल के नेताओं के दबाव में पुलिस उन पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। क्योंकि अपराधी सत्ताधारी व्यक्ति के संरक्षण में हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी किसी के साथ नहीं होता। जिसकी सत्ता होती है, अपराधी उसी के साथ होता है। पुलिस ने अगर ठीक से वर्कआउट न किया तो भारतीय जनता पार्टी उसके लिए कड़ी रणनीति बनायेगी।
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सपा नेता उर्मिला राजपूत के विषय में पूछे जाने पर कि वह इस सम्बंध में ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहीं तो मुकेश ने कहा कि हमारी उनसे बात हुई थी- उर्मिला जी का कहना है कि पुलिसि या प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा है। जिस पर मुकेश ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस सत्ताधारी पार्टी की पूर्व विधायक के भांजे की हत्या के बाद भी अगर हत्यारे खुलेआम घूमते रहें और उसी पार्टी के लोग हत्यारों को समर्थन दिये रहें तो ऐसी पार्टी को उर्मिला राजपूत को लात मार देनी चाहिए। अगर उर्मिला जी ऐसा नहीं कर रहीं हैं तो उनके ऊपर भी अपराधियों को प्रश्रय देने का प्रश्नचिन्ह लगना तय है। उन्होंने कहा कि अगर इस समय मेरी सरकार होती और मेरे भांजे के साथ इस तरह की घटना घटती तो अपराधी चार घंटे के अंदर ही जेल की सलाखों के पीछे सड़ते नजर आते।
उन्होंने मृतक आनंद प्रकाश के घर पहुंचकर उनकी पत्नी पुष्पा राजपूत के अलावा अन्य परिजनों को सांत्वना दी और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।