मौसम ठीक होते ही दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौटी, युवाओ का झुकाव नृत्यंगनाओ की तरफ

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bheedFARRUKHABAD : बीते तीन दिनों से मौसम खराब हो जाने से रामनगरिया मेले में रोजी रोटी कमाने के लिए दूर दराज से आये दुकानदारों के चेहरों पर मायूसी छा गयी थी। दुकानदारों का मानना था कि यदि बूंदाबांदी/ बरसात न होती तो उन दिनों में भी उन्हें अच्छी खासी कमाई हो जाती लेकिन बरसात में भीड़ न जुट पाने से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ। उल्टे राउटी इत्यादि उखड़ जाने से सामान भी भीग गया।

रविवार को जैसे ही आसमान से काले बादल छंटते नजर आये तो गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। घटियाघाट रामनगरिया स्थल पर बीते दिनों की अपेक्षा भारी भीड़ हो जाने से मेले में दुकानें सजाये दुकानदारों के चेहरों पर एक बार रौनक लौट आयी। दुकानदारों का मानना है कि अभी पूर्णिमा तक उन्हें 10 दिन मिल जायेंगे। जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई होने की उम्मीद है। लेकिन यह कमाई तभी होगी जब मेले में भीड़ बढ़ेगी। तीन दिनों से मेले में भीड़ न होने से धन्धा चौपट हो गया था। लेकिन अब कुछ कमाई की उम्मीद है।

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मेले में जलेबी की दुकान लगाये हलवाई बीरपाल का कहना है कि बसंत पंचमी को तो उनके यहां काफी भीड़ रही। जलेबियां व अन्य मिठाई की खरीददारी लोगों ने जमकर की। लेकिन बीते तीन दिनों से न कोई खरीददार आया और न ही उन्होंने कोई जलेबी या अन्य सामान बना पाया। जिससे तीन दिनों से धन्धा चौपट पड़ा है।

वहीं मेले में बिसातखाने की दुकान लगाये कल्लू का कहना है कि यहां तो अधिकतर ग्रामीण महिलायें ही खरीददारी करने आतीं हैं लेकिन बरसात में कोई श्रद्धालु न आने से उनकी विक्री लगभग ठप रही। वहीं बरसात से सामान बचाने में ही उनके ये दिन गुजर गये। जैसे तैसे सामान को उन्होंने भीगने व हवा से बचा पाया। यही हाल अभी तक लगभग अन्य सभी दुकानदारों के हैं। दुकानदारों का मानना है कि अभी तक तो मेला में दुकान लगाने से उन्हें खर्चों के अलावा कोई लाभ नहीं हुआ लेकिन आने वाले इस सप्ताह में कुछ कमाई की उम्मीद है। फिलहाल रविवार को भीड़ उमड़ने से दुकानदारों के चेहरों पर रौनक दिखायी दी।

युवाओ का झुकाव नृत्यंगनाओ की danceतरफ

मेला रामनगरिया में दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले युवाओ का रुझान सिर्फ नृत्यांगनाओ की तरफ ही दिखायी दे रहा है। युवा सीधे सर्कस में काला जादू के नाम से परोसे जा रहे अश्लील नृत्य को खासा पसंद कर रहे हैं। वहीं इस पर संतों के अलावा प्रशासन भी मौनी साधे हुए है।