FARRUKHABAD: शहर में होटलों, ढावों, गैराजों, बैण्ड बाजों में धड़ल्ले से बाल मजदूरों से काम कराया जा रहा है। जिनको कोई देखने वाला नहीं है। पिछले दिनों नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार व एसडीएम सदर ने अभियान चलाकर दो चार बाल मजदूरों को मुक्त कराया था। लेकिन बाद में मामला फिर वहीं ढाक के तीन पात साबित हुआ। शहर में सैकड़ों की संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं, जो शिक्षा से भी इतनी दूर जा चुके हैं कि शायद उनके लिए शिक्षा व सरकारी योजनायें कोई मायने नहीं रखती।
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केन्द्र व प्रदेश सरकार भले ही सर्व शिक्षा अभियान का बिगुल फूंक चुकी हो लेकिन शहर में होटलों, ढावों, गैराजों व बैण्ड मालिकों के यहां देखा जाये तो सैकड़ों की संख्या में बाल मजदूर काम करते मिल जायेंगे। वहीं जनपद के अधिकारियों द्वारा एक दो बाल मजदूर को मुक्त कराकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखायी दे रहे हैं।
रविवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एम एच सिद्दीकी, रामशरण शाक्य, प्रीती वर्मा, योगेन्द्र कुमार, कामता प्रसाद आदि ने अभियान चलाकर रेलवे स्टेशन पर स्थित होटलों पर छापेमार कार्यवाही की तो उन्होंने चार बाल मजदूरों को होटल पर काम करते पाया।
जिनमें से 10 वर्षीय श्रीपाल पुत्र रतनपाल निवासी झब्बू सिंह नगला नबावगंज जोकि नरायन होटल स्टेशन पर काम करता पाया गया। 8 वर्षीय सुमित पुत्र रतनपाल निवासी झब्बू सिंह नगला नबावगंज रेलवे रोड स्थित चुन्नी के होटल पर काम करता पाया गया। 7 वर्षीय कामिल पुत्र इकबाल निवासी भाऊटोला फर्रुखाबाद स्टेशन पर घूमता पाया गया। 10 वर्षीय मुकेश पुत्र रामजी लाल निवासी झब्बू सिंह नगला नबावगंज रेलवे रोड स्थित लालाराम के होटल पर काम करता पाया गया। चारो बाल मजदूरों को एमएच सिद्दीकी व उनकी टीम ने पकड़कर छक्कूलाल बालगृह भिजवा दिया।
वहीं बाल कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम एच सिद्दीकी ने बताया कि चारो बाल मजदूरों के परिजनों को सूचना दी गयी है। परिजनों को बुलाकर उनके गांव के स्कूल में सभी का नाम लिखवाया जायेगा व उनकी पूरी देखरेख रखी जायेगी।
इस सम्बंध में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सतीश दीक्षित ने कहा है कि अभी तक जो होता रहा उसके बारे में कुछ कहना ठीक नहीं है। अब बाल मजदूरी उन्मूलन की दिशा में युद्ध स्तर पर काम किया जायेगा।