FARRUKHABAD: उँगलियों पर बेसिक शिक्षक फर्रुखाबाद में फैले भ्रष्टाचार का अंकगणित समझाने वाला आनंद प्रकाश गंगा किनारे अग्नि में होम के साथ पंचतत्व के साथ विलीन हो गया| आनंद को श्रदांजली और अंतिम दर्शन के लिए हजारो शिक्षक गंगा तट पर पहुचे सिवाय उन दागियों के जो उसकी हत्या के आरोप में शक के घेरे में थे| प्रदेश के केबिनेट मंत्री सतीश दीक्षित, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश राजपूत, आनंद प्रकाश के मामा रामकृष्ण राजपूत, बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल सहित कई अधिकारी भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए|
आनंद को अंतिम विदाई देने पहुचे उनके साथी द्रवित मन से उनकी खूबियों की न केवल तारीफ करते दिखे वरन इस सबके लिए जिले के शिक्षा विभाग के मुखिया पर भी सवाल उठाते मिले| उन सबका मानना था कि यदि ये विभाग समय से दागियों पर कारवाही करता तो क्यूँ लोगो को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगनी पड़ती| परोक्ष या अपरोक्ष रूप से आनंद की मौत के जिम्मेदार वे लोग भी है जो गलत काम करने वालो पर कार्यवाही करने के स्थान पर उन्हें बचाते है| दागी शिक्षक, वे भले ही भवन प्रभारी हो या फिर फर्जी दस्ताबेजो से नौकरी पाए शिक्षक इन सबको उनके कारनामो की सजा देने के स्थान पर उनसे धन वसूली करना और उन्हें संरक्षण देना ही आनंद की हत्या का कारण बना|
गुरूवार सुबह आनंद प्रकाश की हत्या स्कूल समय में हुई थी| आनंद द्वारा सूचना आयोग लखनऊ में लगायी गयी अपील पर सुनवाई शुक्रवार 08/02/2013 को होना था| इनमे कई मामले फर्जी दस्ताबेजो के दम पर नौकरी पाए शिक्षको से सम्बन्धित था| जिन पर कई बार तहसील दिवस में हुई शिकायतों के बाबजूद शिक्षा विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की| केवल फाइलों का पेट भर दिया|