खत्म होगी टीईटी की बाध्यता, तीन चरणों में शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक

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imagesलखनऊ। राज्य सरकार ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन का कार्यक्रम तय कर दिया है। इन्हें तीन चरणों में समायोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि इनके लिए टीईटी पास करने की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। केंद्र सरकार ने इन्हें पैरा टीचर की श्रेणी में माना है, इसलिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इनका केवल समायोजन किया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने गुरुवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। समायोजन की प्रक्रिया जनवरी 2014 से शुरू कर दी जाएगी। पहले चरण में 58 हजार शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए वर्ष 2000 में शिक्षा मित्रों के रखने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रदेश में मौजूदा समय 1.66 लाख शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम आने के बाद प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक रखने की अनिवार्यता कर दी गई। शिक्षा मित्र गैर प्रशिक्षित हैं। इसलिए राज्य सरकार ने इन्हें चरणबद्ध तरीके से बीटीसी के समकक्ष दो वर्षीय प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने का निर्णय किया। पहले चरण में 58 हजार और दूसरे चरण में 60 हजार शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षा मित्रों को तीन चरणों में समायोजन करने का निर्णय किया है। इसके मुताबिक पहले चरण का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 58 हजार शिक्षा मित्रों को जनवरी 2014 तथा दूसरे चरण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को दिसंबर 2014 में शिक्षक पद पर समायोजित किया जाएगा। तीसरे चरण का प्रशिक्षण इसी साल शुरू करा दिया जाएगा और मई 2015 में इस चरण के शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जाएगा। शिक्षक पद पर समायोजित होने के बाद इन्हें सहायक अध्यापक का वेतनमान दिया जाएगा।