प्लास्टिक थैली उपयोग की तो, ५ साल की कैद

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राज्य सरकार ने 21 जुलाई 2010 को जारी अधिसूचना के क्रम में प्रदेश में एक अगस्तर 2010 से प्लास्टिक कैरी बैग के विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है और इसके लिए सभी तैयारी कर ली है।

एक अगस्त से प्रदेश मे कोई व्यक्ति (दुकानदार, विक्रता, थोक विक्रता, फेरी लगाने वाला य रेहडी वाला) समान के लिए प्लास्टिक के कैरी बैग का उपयोग नहीं करेगा। साथ ही प्लास्टिक कैरी बैग का निर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय या परिवहान भी नही किया जा सकेगा। सरकार ने प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सुधार के लिए प्रदेश के सम्पूर्ण क्षेत्र को प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त क्षेत्र घोषित करने का निpय किया है और इसी क्रम में प्लास्टिक कैरी बैग के विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है।

राज्य सरकार ने अधिसूचना के निर्देशों की क्रियान्विति के लिए जिला कलेक्टरों तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को अधिकृत किया है तथा इस संबंध में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 19 के तहत अधीन सक्षम न्यायालय में परिवाद पेश करने के निर्देश दिए है।

प्रदेश में एक अगस्त से इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए पर्याचरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अनुसार 5 साल तक के कारावास या एक लाख रूपए तक जुर्माना या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकेगा। यदि अधिसूचना का निरंतर उल्लंघन किया जाता है तो उल्लंघनकर्ता को 5 हजार रूपए प्रतिदिन तक के अतिरिक्त जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।