नई दिल्ली| अंतरिक्ष से वापस धरती की कक्षा में लौटते ही 1 फरवरी 2003 को दुर्घटना का शिकार होने वाले कोलंबिया यान की गड़बड़ी के बारे में नासा को पहले ही पता चल गया था। कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही नासा को यह पता चल गया था कि यह सुरक्षित जमीन पर नहीं उतरेगा, यह तय हो गया था कि सातों अंतरिक्ष यात्रियों की मौत निश्चित है लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी|
अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर रहे वायने हेल ने इस सच्चाई को उजागर किया है| अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने उड़ान भरते समय ही पकड़ लिया था कि यान के बाएं पंख का थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (टीपीएस) क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्हें इस बात का आभास हो गया था कि कल्पना चावला और उनके साथी अब वापस धरती पर जीवित वापस नहीं आ पायेंगे| अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर रहे वायने हेल ने बताया कि मिशन मैनेजमेंट टीम (एमएमटी) की बैठक में उड़ान निदेशक जॉन हार्पोल्ड ने यान की गड़बड़ी को लेकर हमें विस्तार से जानकारी दी।
हेल ने बताया कि यान का टीपीएस खराब हो गया था जिसको ठीक करना संभव नहीं था| हम चाहते थे कि किसी भी खतरे से अनजान अंतरिक्ष यात्री अपने मिशन का आनंद लें और धरती की कक्षा में प्रवेश के दौरान वह अचानक मौत का शिकार हो जाएं| अंतरिक्ष यात्रा के 16 दिन तक स्पेस वॉक करती रहीं कल्पना चावला और उनके 6 साथियों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई कि अब वो कभी सुरक्षित धरती पर वापस नहीं लौट सकते लेकिन इसके बावजूद सभी अंतरिक्ष यात्री अपने मिशन में लगे रहे, वो पल-पल की जानकारी नासा को पहुंचाते रहे|
हेल ने बताया कि चूंकि मौत निश्चित थी इसलिए हम नहीं चाहते थे कि मिशन पर गये अंतरिक्ष यात्री घुटघुट कर अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हों को जिएं| हम यह चाहते थे कि हादसे के पहले तक वह अपनी जिंदगी का आनंद लें|हेल ने बताया कि अगर अंतरिक्ष यात्रिय़ों को इस बात की जानकारी भी होती कि उनकी मौत होने वाली है फिर भी वह कुछ नहीं कर सकते थे| ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन रहने तक वह अंतरिक्ष का चक्कर ही लगा सकते थे लेकिन जैसे ही ऑक्सीजन ख़त्म होती वैसे ही उनकी जान चली जाती| हालांकि हेल के इस खुलासे को पर कई लोगों ने विश्वास करने से इनकार कर दिया है| कल्पना चावला के पिता ने भी हेल के इस खुलासे को खारिज कर दिया है| वहीँ, नासा इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है|