फर्रुखाबाद: लोहिया ग्रामों में प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ शौचालय बनवाये जाने के लिए लाखों रुपये का बजट दिया गया है। लेकिन जनपद में योजना शुरू होने से पहले ही लाभार्थी चयन में ही फर्जीबाड़ा शुरू हो गया है। लाभार्थी चयन में फर्जीबाड़े की पोल आये दिन होने वाली जांच रिपोर्टों से खुल रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा लोहिया ग्रामों के चयन कर उनमें ग्रामीणों को बेहतर सुविधायें मुहैया कराये जाने के लिए कई योजनायें अमल में लायी गयी हैं। लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की भ्रष्ट कारगुजारी के चलते प्रदेश सरकार की इस योजना पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। सबसे पहले अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जब लोहिया ग्रामों का चयन किया गया था उसी समय अपात्र ग्रामों को शामिल किये जाने की खबरें जानकारी में आयीं थीं। लेकिन अब जब लोहिया ग्रामों में जिन पात्र व्यक्तियों को सुविधायें मिलनी चाहिए उन्हें न मिलकर अधिकारी व कर्मचारी योजना के पैसे के बंदरबांट के चक्कर में मृतकों व गांव से निकल चुके लोगों के नाम शामिल कर रहे हैं। जिसका खुलासा आये दिन होने वाली जांचों में हो रहा है।
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विकासखण्ड नबावगंज के लोहिया ग्राम जयसिंहपुर में 52 लाभार्थियों का चयन कर सहायक विकास अधिकारी विजेन्द्र पाल सिंह ने शौचालय निर्माण के लिए किया। जब इनकी हकीकत में जांच की गयी तो पता चला कि सूची में शामिल चार लोग सरकारी कर्मचारी हैं, जो पहले से ही शौचालय का लाभ ले चुके हैं, जिन्हें दोबारा शामिल कर लिया गया। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने नोटिस जारी कर विजेन्द्र पाल सिंह से तीन दिन के अंदर आख्या मांगी।
वहीं ग्राम नदौरा में सहायक विकास अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने 755 लाभार्थियों की सूची दी जिसमें से 41 लाभार्थी ऐसे पाये गये कि या तो वह मर चुके हैं या गांव से कहीं बाहर चले गये हैं। इस तरह की अधिकांश लोहिया ग्रामों में खामियां देखने में आ रहीं हैं।