यूपी में दलित रसोइये की अनिवार्यता समाप्त

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उत्तर प्रदेश में मिड डे मील बनाने के लिए नए सिरे से रसोइयों के चयन में आरक्षण व्यवस्था पर अपने कदम वापस खींच लिए हैं| प्रदेश सरकार ने पिछले आदेशो को संशोधित करते हुए शासनादेश जारी कर दिया है| अब रसोइयों के चयन में विधवा,निराश्रित और तलाकशुदा महिला को प्राथमिकता दी जाएगी| यूपी सरकार के शिक्षा सचिव जीतेन्द्र कुमार ने कार्मिक विभाग के शासनादेश संख्या 4/1/2001-कार्मिक-2- दिनांक 25-6-2002 द्वारा निर्धारित जातिगत आरंक्षण रोस्टर व्यवस्था को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है|
नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही पूरे राज्य के विभिन्न जनपदों से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो द्वारा मिड डे मील के बहिष्कार की खबरे पिछले पखवाड़े से मीडिया की सुर्खियाँ बनने लगी थी| बच्चो ने दलित रसोइये के हाथो बना खाना खाने से इंकार करने के बाद कई जनपदों में शिक्षको/प्रधानो और ग्रामीणों पर जातिगत भेदभाव फैलाने के मुकदमे भी कायम हुए| मगर सरकार का जोर जबरदस्ती खाना खिलाने का ये फंदा कामयाब होते नहीं दिखा| सरकारी स्कूलों में बच्चो की उपस्थिति बढ़ने की जगह लगातार कम हो रही थी और बैठे बिठाये नया सिरदर्द शासन और प्रशासन के लिए बढ़ रहा था|
फिलहाल नए आदेश से अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, रसोइयों के चयन में जातीय आरक्षण व्यवस्था की वरीयता समाप्त करने पर चिंतको ने देर आये दुरुस्त आये की संज्ञा दी है|