फर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी किये गये निर्देश के अनुसार पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी के अलावा किसी भी अन्य को बैनर होर्डिंग या गाड़ियों पर पार्टी का झण्डा लगाने के लिए रोक लगा दी गयी है। जिससे प्रदेश में फर्जी सपा नेताओं की पोल तो खुली वहीं कुछ दबंग आदेश की अवहेलना करने पर उतारू हैं। जिसके चलते आवास विकास में पार्टी के जिला महासचिव के नेतृत्व में चल रहे झण्डा उतारने के कार्यक्रम के दौरान एक पुराने कार्यकर्ता के साथ सपा नेताओं की खींचातानी हो गयी। इस दौरान झण्डा लगाये पार्टी पदाधिकारी के निजी सुरक्षा कर्मी ने सपा नेता पर बंदूक सीधी कर दी। बाद में पदाधिकारी बगैर झण्डा उतारे ही चले गये। [bannergarden id=”8″]
आवास विकास तिराहे पर जिला महासचिव समीर यादव अपने अन्य पदाधिकारियों के साथ मुलायम सिंह यादव के निर्देश का पालन कराने के लिए खड़े थे। पदाधिकारी फर्जी सपा नेताओं की कार इत्यादि से झण्डे उतारने की तैयारी में थे। उसी दौरान ग्राम बुढ़नपुर के पूर्व प्रधान रामऔतार सिंह यादव अपनी मार्शल गाड़ी पर सवार होकर उधर से गुजरे। तभी सपाइयों ने उन्हें रोक लिया। समीर यादव की रामऔतार सिंह से झण्डा उतारने को लेकर बातचीत होने लगी। इसी दौरान सपा नेता मुजाहिद अंसारी ने रामऔतार यादव की गाड़ी में लगे सपा के झण्डे को हाथों से ही उतारने का प्रयास किया। जिस पर पूर्व प्रधान रामऔतार आग बबूला हो गये और वह गाड़ी से उतरकर नीचे आ गये। मामला यहां तक गरमाया कि मुजाहिद अंसारी व रामऔतार यादव के बीच खींचातानी की नौबत आ गयी। इस दौरान गाड़ी में बैठे रामऔतार के प्राइवेट सुरक्षाकर्मी बंदूक लेकर नीचे उतर आया और बबाल कर रहे सपा नेता पर बंदूक सीधी करने का प्रयास किया। तभी अन्य सपा नेताओं ने सुरक्षाकर्मी को पकड़ लिया। रामऔतार ने सपा नेताओं को हड़काते हुए कहा कि वह सपा से वर्षों से जुड़े हुए हैं और उनकी गाड़ी पर लगा झण्डा उतारने की हैसियत छुटवैये सपा नेताओं की नहीं है। मामले को गरमाता देख सपा नेताओं की बोलती बंद हो गयी और वह बगैर झण्डा उतारे ही चले गये।
इस सम्बंध में रामऔतार सिंह यादव ने बताया कि वह मुलायम सिंह यादव के निर्देशों का पालन करने को पूरी तरह तैयार हैं। विवाद की स्थिति सपा नेता ने खड़ी की थी। अगर आला कमान के निर्देश हैं तो गाड़ी में झण्डा नहीं लगाया जायेगा।
सपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह राठौर एडवोकेट ने जेएनआई को बताया कि पार्टी आला कमान के निर्देशानुसार जिलाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ व पूर्व व वर्तमान विधायक व सांसद ही पार्टी का झण्डा अपने निजली वाहन में लगा सकते हैं। इसके अलावा अगर अन्य कोई पार्टी का कितना ही पुराना कार्यकर्ता हो उसे झण्डा लगाने की इजाजत नहीं है। अगर कार्यकर्ता निर्देश का पालन नहीं करता तो उस पर पार्टी स्तर पर कार्यवाही की जायेगी।