फर्रुखाबाद: आलू किसानों ने मौसम साफ होते ही आलू की खुदाई तेज कर दी है। माना जा रहा है कि इस समय आलू की खुदाई चरम पर है। सीजन के यह वह दिन हैं जिनमें किसानों को आलू खोदकर गेहूं के साथ साथ अन्य जायद की फसलें भी बोने की चिंता सता रही है। गेहूं बोने का समय तो अब लगभग समाप्त माना जा रहा है लेकिन कुछ किसान अभी भी गेंहू बो रहे हैं। जिससे आलू खुदाई पूरे चरम पर है व मण्डी में आलू की आमद तेज हो गयी है। सोमवार को सातनपुर मण्डी में 451 का भाव खुलने के बाद पांच सौ से साढ़े पांच सौ तक आलू बिका। [bannergarden id=”8″]
सातनपुर मण्डी में आलू की प्रति दिन सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियों की आमद हो रही है। लेकिन अभी वही व्यापारी आलू की खरीद कर रहे हैं जो बाहरी जनपदों में भर्ती करते हैं या फिर अन्य प्रदेशों के लिए। वहीं काफी मात्रा में आलू की खपत स्थानीय पैकारों के माध्यम से भी की जा रही है। जिससे आलू भाव में कोई सुर्खी नहीं आ पा रही है। अभी माना जा रहा है कि जैसे ही आलू में मजबूती आयेगी तो शीतगृह में भर्ती करने वाले भंसारियों सहित अन्य जनपदों व प्रदेशों के लिए भी व्यापारी लोडिंग करने लगेंगे। जिसके बाद आलू भाव में सुर्खी आने की संभावना है।
पिछले वर्षों में यदि देखा जाये तो आलू भाव सबसे निचले स्तर पर जनवरी में ही आते हैं। जनवरी से पहले या बाद में आलू भाव में स्वतः ही सुधार आ जाते हैं। अभी जिस आलू का भाव 500 रुपये है वह अगले एक माह में 100 से 200 रुपये तक बढ़ना निश्चित माना जा रहा है। क्योंकि अगले महीने तक आलू की आमद भी कम हो जायेगी और आलू के लिए अन्य कई रास्ते भी खुल जायेंगे। लेकिन इस समय तो आलू भाव किसानों के आंसू नहीं पोंछ पा रहा है।
बीते चार पांच दिनों से आलू के मण्डी भाव पांच सौ रुपये प्रति कुन्तल से भी नीचे आ गये हैं। सोमवार को मण्डी भाव जहां 451 रुपये प्रति कुन्तल खुला तो वहीं सफेद अच्छा आलू 501 व छट्टा आलू साढ़े पांच सौ रुपये तक में बिका। वहीं आल आलू की अधिक मांग होने व आवक कम होने से अभी भी 650 रुपये पर टंगा हुआ है।