लोकार्पण के लिये ‘उपयुक्‍त’ वीआईपी के इंतजार में लोहिया अस्पताल का रैनबसेरा, तीमारदार ठिठुरते रहें

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फर्रुखाबाद: लोहिया अस्पताल के गरीब मरीजों के साथ दूर दराज से आने वाले तीमारदारों की सुविधा के लिए सांसद निधि से बनाया गया रैन बसेरा सफेद हाथी साबित हो रहा है। लाखों की कीमत से बने रैन बसेरे को अभी भी उद्घाटन के लिये का इंतजार है। उद्घाटन वैसे तो सामान्‍य बात है, परंतु उसके लिये एक अदद वीआईपी की जरूरत होती है। वीआईपी तो बहुत हैं परंतु वीआईपी किसी काम का भी तो होना चाहिये, जिससे इस बहाने जान पहचान हो जाये, तो कोई  काम भी निकल सके। अब इस इंतजार में भीषण सर्दी में गरीब तीमारदार ठिठुरें तो ठिठुरें, हमारी बाला से।

जनपद के लोहिया अस्पताल में आने वाले गरीबों, मजलूमों की सुविधाओं के लिए पूर्व राज्‍यसभा सांसद महेन्द्र मोहन की सांसद निधि से रैन बसेरे का निर्माण कराया गया था। सांसद जी का राज्‍यसभा कार्यकाल तो समाप्‍त हो गया लेकिन रैन बसेरे का अभी तक उद्घाटन न हो सका, और न ही आज तक इसका लाभ आम जनता के लिए मुहैया हो सका है। बीते वर्ष से लोहिया अस्पताल में बने खड़े इस रैन बसेरे के मुख्‍य द्वार पर भारी सा ताला लटक रहा है। इसमें इस समय कबूतरों का अड्डा है। कड़ाके की ठंड में लोहिया अस्पताल में आने वाले मरीजों के तीमारदार पटियों व फर्श इत्यादि पर खुले में सोकर रातें गुजारने के लिए मजबूर हैं लेकिन इस रैन बसेरे का उनको कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। जिससे अभी तक यह आम जनता के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है। मजे की बात है कि महेंद्र मोहन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्‍य रहे थे। वर्तमान में सपा की सरकार है। लोहिया अस्‍पताल के ठीक सामने समाजवादी पार्टी का कार्यालय है। दिन भर दर्जनों सपा नेता यहां से गुजरते हैं, परंतु इस ओर ध्‍यान देने की फुर्सत किसी को नहीं है।

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इस सम्बंध में लोहिया अस्पताल के सीएमएस नरेन्द्र बाबू कटियार ने बताया कि 4 लाख 64 हजार की लागत से बने इस रैन बसेरे में अभी तक न ही बिजली की फिटिंग की गयी है और न ही कार्यदायी संस्था द्वारा इसे अस्पताल के हैन्डओवर किया गया है। अभी रैन बसेरे का उदघाटन होना बाकी।  जिससे अभी आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा सका। उदघाटन कब तक होगा यह अभी जानकारी नहीं है।