ज्योतिष की शब्द तुला पर आपका जीवन दर्शन – नाम के प्रथम अक्षर द्वारा पहचाने अपने आपको

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साहित्यिक उत्सवों में ज्योतिषी सम्मानित नहीं होते। मौजूदा समय में इतिहास का सबसे जाज्वल्यमान विषय है- तो वह है, ज्योतिष विज्ञान। आंकड़ों के आइनों में जब भी कोई घटना/दुर्घटना घटती है, उसे ज्योतिष के दर्पण मे देखें तो अक्सर नजर आता है, राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण बेचैन जनमानस। किसी वर्ग को सपने डस रहे हैं और किसी को हकीकत। शान्ति, अशान्ति, सुख या दु:ख, इत्यादि को नापने का कोई बैरोमीटर है- तो वो है- ज्योतिष। किस भावना को किस एंगिल से देखना है, यह सूक्ष्म नजरिया – आप ज्योतिष के मनोवैज्ञानिक पक्ष से देख सकते हैं और अहसास कर सकते हैं। कुछ लोग, जिन्हें स्वप्नदर्शी भी कहा जा सकता है – वे धरती पर चलते समय भी पैरों में लगे अदृश्य पंखों से उडऩे का एहसास पाते हैं। सभी के जीवन में अपनी-अपनी सुगंध है, महक है। मानव पर अपने वंश, परिवार और परिवेश के इतर कुण्डली में बैठे ग्रहों, हथेली में खिंची लकीरें- बोलती हैं – आप क्या है? किस ओर जायेंगे? कैसे साथी मिलेंगे? जीवन में इन्द्रधनुषी छटा कब-कब, किस-किस के सहयोग से महकेगी? कब आप बहकेंगे? नव रसों के श्रृंगार से आपका मन क्रन्दन करेगा या नृत्य करेगा? जीवन की कालावधियों में मोह, सम्मान, तिरस्कार के सृजन में आपकी भूमिका कैसी रहेगी? आइये विस्तार से जानते हैं।

हम हैं जो, उसे ज्ञात करना, उसे परिभाषित करना, ज्योतिष का ही तो रोमांचकारी स्वभाव है। आपका डीएनए और आपके थॉट्स वस्तुत: कुण्डली के बारह भावों में हलचल मचा रहे हैं। मैं तो मात्र उद्घोषक हूं, ज्योतिष की विभिन्न विधाओं के माध्यम से आपका भविष्य जानना मेरी नियति है। आंकड़ों की दुनिया से जब आपका मन भर जाए, तो आ जाइये शब्दों की भूल भुलैयों में। मन तरंगित हो उठेगा, नाच उठेंगे आप। शब्द चित्र आपको रोमांचित कर देंगे। आपकी आत्मा को उद्वेलित कर सकता है – आपके नाम के प्रथम अक्षर का ज्योतिषीय आकलन। शब्दों के प्रहरी बने, आप।

‘ए
‘ए अंग्रेजी वर्णमाला का यह प्रथम अक्षर है। जिसके नाम में सर्वप्रथम यह अक्षर ‘एÓ हो, तो ऐसा व्यक्ति श्रेष्ठ विचारक तथा सद्गुण सम्पन्न होता है। चंचल प्रकृति होने के साथ साथ दूसरों के दु:ख-दर्द में भी भागीदार होता है। ऐसे व्यक्तिसमाज को प्रेममय, मधुर तथा सुन्दर बनाने का प्रयत्न करते हैं। गम्भीर प्रकृति के साथ भावना प्रधान व्यक्तित्व होता है, इनका। यदाकदा देखा गया है कि इनमें राजसी भावना के साथ साहित्यिक प्रतिभा भी पर्याप्त होती है। चरित्र के मामले में इनका ढुल-मुल रवैया कभी-कभी इन्हें विवादग्रस्त बना देता है। मित्रता के मामले में ये विश्वसनीय होते हैं। व्यापार जगत से जुड़े जातक कठोर परिश्रम से आयु के 40वें वर्ष के बाद अगर ग्रह योग अनुकूल रहें, तो कुबेरपति बनते इन्हें देर नहीं लगती। राजनैतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में उत्थान-पतन की अठखेलियां, इन्हें चाणक्य की वृष्टि छाया में लाकर खड़ा कर देती हैं। विशिष्ट नायक-महान दार्शनिक अरस्तु, सम्राट अशोक, एडॉल्फ हिटलर, अब्राहिम लिंकन, श्री अटल बिहारी बाजपेयी, अन्ना हजारे। शक्ति मंत्र- झूठ एक आकर्षण है, एक जालसाजी है, जिसे फंतासी में सजाया जा सकता है। इसे रहस्यमयी अवधारणा के पर्देे में रखा जा सकता है। सत्य भावहीन और गंभीर होता है, जिसे झेलना आरामदेह नहीं होता। झूठ ज्यादा स्वादिष्ट होता है। मैंने पाया है कि कल्पना की उड़ान सच से बहुत ज्यादा रोचक और लाभदायक होती है।

‘बी
‘ब यह अंग्रेजी वर्णमाला का दूसरा अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘बीÓ होता है – तो ऐसा व्यक्ति विचारों की गहराई में डूबा रहता है। वाद-विवाद में पडऩा इन्हें अच्छा नहीं लगता। कुतर्क की अपेक्षा भावपूर्ण तर्क को महत्व देते हैं। इनका सहज स्वभाव मित्रों की संख्या में इजाफा करता रहता है। यात्राएं इनके जीवन में पथ प्रदर्शक बन कर इनके व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाकर नेता, अभिनेता, समाजसेवी, प्रशासनिक अथवा गरिमापूर्ण राजनैतिक आसंदियों पर बैठाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करती हैं। किसी भी विषय में इनका स्वयं का निर्णय होता है। कुछ शंकालु होने के कारण, चौकन्ने रहते हैं। कभी कभी स्वार्थ और हीन भावना के शिकार भी हो जाते हैं। विशिष्ट नायक- श्री बालगंगाधर तिलक, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर, बॉवी फिशर। शक्ति मंत्र- आप किस उद्देश्य से काम कर रहे हैं, यह जाहिर न होने दें। इससे लोग अंधेरे में रहेंगे और अपनी योजनाएं नहीं बना पाएंगे। अगर उन्हें इस बात का अन्दाजा भी नहीं होगा कि आप क्या करना चाहते हैं, तो वे अपनी रक्षा की योजना नहीं बना सकते। इस तरह आप उन्हें गलत दिशा में काफी दूर तक ले जा सकते हैं और काफी समय तक गुमराह कर सकते हैं। जब तक उन्हें आपके इरादों का एहसास होगा, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

‘सी
‘सी वर्णमाला के तीसरे अक्षर द्वारा जिसका नाम शुरू होता है- ऐसे व्यक्ति धुन के पक्के होते हैं। जिस कार्य में हाथ डालते हैं, उसमें प्राणपण से जुट जायेंगे तथा पूरा करके ही छोड़ेंगे। वादा निभाना ये जानते हैं। इनकी बात पत्थर की लकीर होती है। जो कह दिया- सो कह दिया, उसी पर अडिग रहेंगे। ये अन्तर्मुखी होते हैं। इनका मस्तिष्क निरन्तर गतिशील रहता है। कोई न कोई योजना बनाते रहते हैं। नि:संदेह इन्हें कर्मठ, दूरदर्शी एवं श्रेष्ठ प्लानर कहा जा सकता है। विशिष्ट नायक- महान कूटनीतिज्ञ चाणक्य, क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद, चाल्र्स डिकेन्स, च्यांगकाई शेक, महान हस्त रेखा विशेषज्ञ कीरो। शक्ति मंत्र- मित्रों से सावधान रहें। मित्र बहुत जल्दी से ईष्र्या करने लगते हैं। मित्र भविष्य में कष्ट का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय अगर आप किसी पुराने शत्रु को काम पर रखेंगे, तो वह मित्र से ज्यादा वफादार होगा, क्योंकि उसे बहुत कुछ साबित करना है। दरअसल आपको शत्रुओं से नहीं, बल्कि मित्रों से डरना चाहिए। कहावत प्रसिद्ध है- मूर्ख दोस्त से समझदार दुश्मन अच्छा होता है।

‘डी
‘डी यह अंग्रेजी वर्णमाला का चौथा अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘डीÓ हो- वे कम बोलने वाले, मिष्ठभाषी होते हैं। अपने विचारों पर अडिग बने रहते हैं। प्रबल आत्मविश्वासी, वचन के पक्के जिम्मेदार व्यक्तिहोते हैं। अपनी योजनाओं को पूर्ण होते देखना इनका लक्ष्य होता है। विपरीत समय या अवस्था भी इनके कार्य में बाधक नहीं बनती। मान प्रतिष्ठा को बहुत महत्व देते हैं। अगर मान प्रतिष्ठा प्राण देकर भी बनी रह सके, तो ये चूकते नहीं हैं। सफल प्रशासक, कुशल नेता, कर्मठ एवं त्यागी होते हैं। विशिष्ट नायक- हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द, डोनाल्ड ब्रेडमेन, डेनियल डिफो: राबिन्सन क्रूसो के रचयिता, तिब्बती गुरु दलाई लामा। शक्ति मंत्र- इस छोटे से जीवन में सीखने को बहुत कुछ है और ज्ञान के बिना जिन्दगी अर्थहीन है। इसलिए सबसे ज्ञान अर्जित करना एक उत्कृष्ट तकनीक है। दूसरों की जी तोड़ मेहनत के बल पर आप महानता की प्रतिष्ठा हासिल करना सीखें। बिस्मार्क ने एक बार कहा था- मूर्ख कहते हैं कि वे अपने अनुभव से सीखते हैं। मैं दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना पसन्द करता हूं।

‘ई

‘ई वर्णमाला का यह पांचवां अक्षर है, जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘ई हो – तो वे बहिर्मुखी होते हैं। व्यवहार कु शलता की इनमें कमी होती है। किस समय, किसको क्या बोलना है? इसका ध्यान न रखकर मुंह पर ही खरी खोटी कह देते हैं। चाहे सामने वाला कितना भी उच्च व्यक्ति हो। स्पष्टवादी होने के कारण लोगों में इनके प्रति अच्छी भावना नहीं पाई जाती। अधिक बोलने के कारण वाचाल और गप्पी समझे जाते हैं। ये नवीनता को जीवन में प्रमुखता देते हैं। कार्य हो, विचार हो, योजना हो- यानी हर क्षेत्र में नवीनता इन्हें प्रिय होती है। विशिष्ट नायक- इब्सन, जार्ज इलियट, प्रिंस इम्पीरियल (नेपोलियन)। शक्तिमंत्र- खुशकिस्मत लोगों को पहचाने, ताकि आप उनके साथ रहने का निर्णय ले सकें। बदकिस्मत लोगों को भी पहचाने, ताकि उनसे आप बच सकें। दुर्भाग्य आमतौर पर मूर्खता के कारण आता है और इसके शिकार लोगों से ज्यादा संक्रामक और कोई नहीं होता। अपने दरवाजे को छोटे से छोटे दुर्भाग्य के लिए भी खोलें, क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं, तो उसके पीछे पीछे बहुत से दुर्भाग्य चले जायेंगे।

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‘एफ – अंग्रेजी वर्ण माला का यह छठवां अक्षर है। जिसके नाम की शुरूआत ‘एफ से हो- ऐसे जातक घरेलू कार्यों में अधिक रुचि लेते हैं। परिवार को सुचारु रूप से कैसे चलाया जा सकता है, कोई इनसे सीखे? इन्हें श्रेष्ठ गृहस्थ कहा जा सकता है। ये परिवार में बच्चों में बच्चे बने रहकर, बड़ों में गम्भीर रहकर परिवार में
प्रसन्नता बनाए रखते हैंं। इनका जीवन एक तरह से समाज और परिवार की धरोहर होता है। ये सच्चे प्रेमी, ईमानदार, मधुर व्यवहारी एवं परोपकारी होते हैं। कुल मिलाकर सामाजिक दृष्टिकोण के अनुसार ये श्रेष्ठ व्यक्ति होते हैं। विशिष्ट नायक- फ्लोरेन्स नाइटिंगेल, फर्डीनांड डी लिसफ, जर्मनी राजा फ्रेडरिक महान, फैराडे, फ्रांसिस बेकन। शक्ति मंत्र- अन्त ही सब कुछ है। अंत तक पहुंचने की पूरी योजना बनाएं। उन सभी संभावित परिणामों, बाधाओं और किस्मत के उतार चढ़ावों पर विचार करें, जो आपकी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। अंत तक की योजना बनाने से आप परिस्थितियों के शिकार नहीं होंगे और यह जान जाएंगे कि कब रुकना है। किस्मत को धीरे से राह दिखाएं और बहुत आगे तक विचार करके अपने भविष्य को तय करें।

‘जी
‘जी – अंग्रेेजी वर्णमाला का यह सातवां अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘जी हो वे चरित्रवान होते हैं। आकर्षण शक्ति इनमें गजब की होती है। इनके व्यक्तित्व में कुछ ऐसी विशेषता होती है कि लोग इनकी तरफ खिंचे चले आते हैं। शत्रु भी शत्रुता भूल जाता है और मित्रता करने को आतुर दिखाई देता है। किसी को भी किसी भी समय, अपने व्यवहार, मृदु वार्तालाप से ये अपने अनुकूल बना लेते हैं। ये आडम्बरों को परे रखकर जीवन-यापन करते हैं। सादगी, सच्चाई, शिष्टता के पुजारी, नवीन सभ्यता के जन्मदाता कहे जाते हैं। हर कार्य योजनाबद्ध तरीके से करने इनका स्वभाव होता है। वस्तुत: ऐसे व्यक्ति ही जीवन में सफल होते हैं। विशिष्ट नायक- भगवान गौतम बुद्ध, राष्ट्रवादी हिन्दुत्व के पुरोधा गुरु गोलवलकर, श्री गोविन्द वल्लभ पंत। शक्ति मंत्र- हमेशा जरूरत से कम बोलें। जब आप जरूरत से कम बोलते हैं तो हमेशा वास्तविकता से ज्यादा महान और शक्तिशाली नजर आते हैं। आपकी चुप्पी से दूसरे लोग परेशान हो जायेंगे। इंसान विश्लेषण और स्पष्टीकरण करने वाली मशीनें हैं।

‘एच
‘एच – अंग्रेजी वर्णमाला का यह आठवां अक्षर है, जिसके नाम का ‘एच प्रथम अक्षर होता है, वे दृढ़ निश्चयी, अद्भुत कार्यक्षमता तथा विलक्षण प्रतिभा से सम्पन्न होते हैं। समाज के जिस क्षेत्र में ये कदम रख दें- जनमानस इनका अनुयायी हो जाता है। लेखन, वाकपटुता तथा अपनी कार्यशैली से चमत्कृत कर देने की ऐसे जातकों में अद्भुत क्षमता होती है। ग्रह योग अनुकूल हो तो युग पुरुष बनते इन्हें देर नहीं लगती। अपनी वाणी से जनसमूह को आकर्षित करना तथा अपने अनुकूल बनाना कोई इनसे सीखे। दूसरे शब्दों में कहें तो ये वाणी के जादूगर होते हैं। ग्रहों की प्रतिकूलता पतन के मार्ग की पथगामिनी बना देती है। विशिष्ट नायक- इस्लाम धर्म के प्रवर्तक: हजरत मुहम्मद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेगडेवार, डॉ. होमी जहांगीर भाभा, हरिविष्णु कामत, डॉ. हरीसिंह गौर। शक्ति मंत्र- यह सबक सीख लें। एक बार बाहर निकल जाने के बाद आप शब्दों को दोबारा नहीं लौटा सकते। इन्हें नियंत्रण में रखें। व्यंग्य के प्रति खासतौर पर सावधान रहें। आपके व्यंग्य बाणों से आपको क्षणिक संतुष्टि तो मिल सकती है, लेकिन बदले में आपको उसकी ज्यादा कीमत चुकाना पड़ती है।

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अंग्रेजी वर्णमाला का यह नौंवां अक्षर है। जिसके नाम का पहला अक्षर ‘आईÓ हो तो वे बातों की अपेक्षा श्रम पर अधिक विश्वास रखते हैं। वे अपने जीवन में आराम है हराम इस वाक्य को प्रधानता देते हैं और सच्चे कर्मठ तथा श्रमिक कहलाये जाते हैं। इनके जीवन में एक कहावत चरितार्थ है। वर्क लाइफ इन लेबर, लिव लाइक ए किंग किसी भी कार्य को पूरी लगन और तत्परता से पूर्ण करते हैं। आलसी व्यक्तियों एवं आलस्य से इन्हें घृणा होती है। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम का प्रथम नामाक्षर ‘आईÓ ही था। उन्होंने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में राजाओं के प्रिवीपर्स तथा विशेषाधिकार की समाप्ति एवं बैंकों का राष्ट्रीयकरण तथा बांग्लादेश की स्वाधीनता में अविस्मरणीय योगदान दिया। किसी भी विषय का अध्ययन करते समय गहराई तक पहुंच जाना इनकी विशेषता होती है। ये अनावश्यक बातें नहीं करते। जो कुछ कहेंगे, वो ठोस तथा प्रमाणित होगा। वस्तुत: ये ही देश और समाज को कुछ नया दे सकते हैं। विशिष्ट नायक- श्रीमती इंदिरा गांधी। शक्तिमंत्र- प्रतिष्ठा, शक्ति की नींव है। ऐसी प्रतिष्ठा बनाये कि उस पर कोई हमला न कर सके। हमेशा संभावित हमलों के बारे में सचेत रहें और उसके होने के पहले ही उन्हें खत्म कर दें। शत्रुओं की प्रतिष्ठा पर सेंध लगाकर उन्हें नष्ट करना सीखें और फिर दूर खड़े हो जाएं और जनता को उनकी आलोचना करने दें।

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‘जे – अंग्रेजी वर्णमाला का यह दसवां अक्षर है। जिसके नाम का पहला अक्षर ‘जे होता है- वे उदार प्रकृति, विशाल हृदय, स्वतंत्र विचारों के धनी होते हैं। अनुशासनप्रिय, स्वतंत्रता की प्राण देकर रक्षा करने वाले होते हैं। छोटी-मोटी बातों पर ध्यान नहीं देते। मौलिकता इनके जीवन का सच्चा साथी होता है। उन्मुक्त विचारक होकर संकीर्णता को प्रश्रय नहीं देते। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम का प्रथम अक्षर ‘जे ही था। खरी खोटी ये कह नहीं सकते। नेतृत्व का मौका यदि इन्हें मिले तो देश और समाज के हित में ही जीवन पर्यन्त लगे रहकर सम्मान अर्जित कर सकते हैं। विशिष्ट नायक- जीसस क्राइस्ट, पं. जवाहर लाल नेहरू, बाबू जयप्रकाश नारायण, जार्ज वर्नार्ड शॉ, जूलियस सीजर, जार्ज वाश्ंिागटन। शक्ति मंत्र- हर कीमत पर सबका ध्यान आकर्षित करें, अन्यथा गुमनामी में दफन हो जाएंगे। नीरस और भीरू जनता से ज्यादा महान, ज्यादा दिलचस्प और ज्यादा रहस्यमय दिख कर चुम्बक बन जाए तथा सबका ध्यान अपनी ओर खींचें।

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‘के – अंग्रेजी वर्णमाला का यह ग्यारहवां अक्षर है। जिसके नाम का पहला अक्षर ‘केÓ होता है- वह संघर्षमय जीवन के ज्वलंत उदाहरण होते हैं। उनके जीवन में उत्थान पतन, उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। जितनी ऊंच-नीच अपने जीवन में ये देखते हैं- इतना अन्य कोई नहीं। ये प्रत्येक कार्य का अंधेरा पक्ष देखते हैं। प्राय: निराशावादी हो जाते हैं। जीवन के प्रति इन्हें कोई खास लगाव नहीं होता। घड़ी के पेन्डूलम की तरह बीच की स्थिति में इनका जीवन गुजरता है। उन्नति की ओर अग्रसर हो गए, तो उच्च पद अथवा अतुल धन सम्पत्ति अर्जित कर लेते हैं। अगर कहीं पतन होना शुरू हो गया, तो पतनोन्मुखी होकर भिक्षुक ही नजर आयेंगे। ग्रहों की अनुकूलता इन्हें युग पुरुष भी बना देती है। विशिष्ट नायक- महाकवि कालिदास, कार्ल माक्र्स, सीमान्त गांधी खान, अब्दुल गफ्फार खां। शक्ति मंत्र- अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए दूसरों की समझदारी, ज्ञान और मेहनत का इस्तेमाल करें। इस तरह से आप न सिर्फ अपना अमूल्य समय और ऊर्जा बचायेंगे, बल्कि इससे यह छवि भी बनेगी कि आप बहुत कार्यकुशल और तीव्र हैं। लोग आपको याद रखेंगे और आपके विरोधी गुमनामी के अंधेरे में खो कर रह जायेंगे।

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‘एल – यह अंग्रेजी वर्णमाला का बारहवां अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘एल हो – वे दया, भावना तथा दार्शनिकता के हस्ताक्षर होते हैं। वे दार्शनिक भावुक और दयालु होने के साथ साथ श्रेष्ठ विचारक एवं न्यायी होते हैं। इनका एक मात्र लक्ष्य रहता है- उन्नति करना- आगे बढऩा। इनके विचार सुलझे हुए होते हैं। प्रत्येक कार्य योजनाबद्ध तरीके से करते हैं। कार्य के प्रति निष्ठावान रहकर उसमें लगे रहते हैं। सफलता इनकी दासी होती है। ऐसे व्यक्ति ही त्मेमतअमक कहलाते हैं। भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री के नाम का प्रथम अक्षर भी ‘एलÓ रहा, अपने प्रधानमंत्रित्व काल में उनका नारा था- जय जवान, जय किसान। ये उच्चस्तरीय रहन, सहन से प्रभावित नहीं रहते। विद्वानों और श्रेष्ठ जनों की संगति पसन्द करते हैं। प्राय: उच्चस्तरीय समुदाय से सहायता भी प्राप्त कर लेते हैं। अपने श्रेष्ठ विचारों, गुणों व योजनाबद्ध कार्य करने के कारण अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करने में समर्थ होते हैं। विशिष्ट नायक- साम्यवाद के संस्थापक लेनन, लियो टाल्सटॉय, लुईस केरोल, लियोनार्डो द विंसी, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय, लालकृष्ण आडवाणी, सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर। शक्ति मंत्र- जब आप दूसरे व्यक्ति को काम करने के लिए मजबूर करते हैं, तो नियंत्रण आपके हाथ में होता है। हमेशा ज्यादा अच्छा यही होता है कि आपका विरोधी आपके पास आए। दूसरों को अपने पास आने के लिए मजबूर करने की योग्यता दीर्घकालीन रणनीति के लिहाज से आपका सबसे शक्तिशाली अस्त्र है।

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‘एम – यह अंग्रेजी वर्णमाला का तेरहवां अक्षर है। ‘एमÓ लोकप्रियता, प्रसिद्धि का प्रतीक अक्षर है। जिसके नाम का यह प्रथम अक्षर हो वे जातक अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हैं। कार्य कोई भी हो? कैसा भी हो? कैसा भी देशकाल हो? वे संघर्षों के बाद प्रसिद्धि , लोकप्रियता की चोटी पर दिखाई देंगे। बापू, जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था, उनके नाम का प्रथम अक्षर भी ‘एमÓ है। ये सज्जन, सदाचारी, सभ्य, सुसंस्कृत होते हैं। पवित्र विचारों वाले ये जातक सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांतों के प्रेमी होते हैं। कभी-कभी सादगी इनके जीवन का अभिशाप बन जाती है। ये गोपनीयता पर काफी जोर देते हैं, परन्तु वास्तविक जीवन में इनकी कोई बात गोपनीय रहे- ऐसा नहीं पाया जाता। अपने को श्रेष्ठ साबित करने की ललक भी इन्हें होती है। इतना कुछ होने के बावजूद भी जीवन में उत्थान-पतन, उतार-चढ़ाव ये देखते ही हैं। विशिष्ट नायक- भगवान महावीर स्वामी, पूज्य बापू मोहनदास करमचन्द गांधी, फील्ड मार्शल मानिक शा, माओत्से तुंग, मिर्जा गालिब, मदर टेरेसा। शक्ति मंत्र- बहस से मिलने वाली क्षणिक विजय दरअसल खोखली होती है। इससे सामने वाले के विचार नहीं बदलते। इसके बजाय उसके मन में द्वेष, और दुर्भावना उत्पन्न होती है, जो काफी समय तक कायम रहती है। कुछ बोले बिना अपने कार्यों से दूसरों को प्रभावित करना बहुत ज्यादा असरदार होता है। बोलें नहीं, बल्कि काम करके दिखा दें।

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‘एन – यह अंग्रेजी वर्णमाला का चौहदवां अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘एन हो – वह प्रभावशाली व्यक्तित्व लिए होता है। इसी जन्मजात गुण के कारण यह अपरिचित से अपरिचित व्यक्तिको अपना मित्र बना लेता है और अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इन्हें जो भी मित्र मिलते हैं, वे सदा इनकी सहायता के लिए तैयार रहते हैं। ये आजीवन संघर्षरत रहकर कठिनाइयां झेलते हैं। विघ्न बाधाएं इनकी सहचरी संगिनी होती हैं। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं। अपने व्यक्तित्व की महानता एवं परिश्रमी प्रवृत्ति के कारण अन्त में सफलता प्राप्त कर लेते हैं। विशिष्ट नायक- गुरु नानक देव जी, नेपोलियन बोनापार्ट, फुटबॉल का बादशाह मासिमेंटो पेले। शक्ति मंत्र- कुछ लोग खुशनुमा स्वभाव, स्वाभाविक उत्साह और बुद्धिमत्ता के द्वारा खुशी को आकर्षित करते हैं। वे सुख का स्रोत होते हैं और आपको उसके साथ संबंध जोडऩा चाहिए, ताकि आप भी उनके सुख में हिस्सेदार बन सकें। नेपोलियन बोनापार्ट टेलीरेंड की जितनी प्रशंसा करते थे, उतनी किसी की भी नहीं। उसे फ्रांस का सबसे शालीन, आकर्षक और हाजिर जवाब सामंत मानते थे।

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‘ओ अंग्रेजी वर्णमाला का पन्द्रहवां अक्षर है। जिनके नाम का प्रथम अक्षर ‘ओÓ होता है- वे अत्यंत महत्वाकांक्षी होते हैं। आकस्मिक रूप से ऊपर उठने की तीव्र इच्छा इनमें बनी रहती है। इनके जीवन का उत्तरार्ध-पूर्वार्द्ध की अपेक्षा अधिक सुखी एवं सम्पन्न होता है। ये हिम्मत एवं दिलेरी के मूर्तिमान होते हैं। हिम्मत हारना ये जानते ही नहीं है। निरन्तर उतार-चढ़ाव इनके जीवन में बने रहते हैं। इतने पर भी धैर्य एवं साहस का दामन थामे रहते हैं। गिरकर उठने की क्षमता रखते हैं। विविधता के प्रतिनिधि इन जातकों के जीवन में मित्रों की एक लम्बी कतार होती है, परन्तु विरोधी एवं शत्रुओं की भी कमी नहीं होती। विशिष्ट नायक- ओशो रजनीश, ओरविल राइट, ओलिवर गोल्ड स्मिथ, ओनासिस। शक्ति मंत्र – राष्ट्रपति निक्सन ने व्हाइट हाउस में बैठने के बाद बहुत से लोगों को निकाला, किन्तु हेनरी किसिंगर बच गये, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी राजतंत्र के इतने सारे क्षेत्रों में घुसपैठ कर ली थी कि उन्हें हटाने से भारी अव्यवस्था का माहौल बन जाता। लोकप्रिय बननेे से अच्छा है- लोग आप पर निर्भर रहें और इस बात से डरें कि आपके चले जाने के कितने बुरे परिणाम होंगे।

‘पी
‘पी अंग्रेजी वर्णमाला का 16 वां अक्षर है। जिस व्यक्ति के नाम का प्रथम अक्षर ‘पीÓ बनता है तो ऐसा व्यक्तिरहस्यमय प्रकृति का, अपने हृदय में अनेक रहस्यों को छिपाये हुए होता है। हृदय में बड़ी से बड़ी उथल-पुथल तथा हाहाकार मचने के बावजूद भी ऊपर से शान्तचित्त दिखाई देते हैं। ये दयालु प्रकृति के दूसरों के सुख-दुख में शामिल होने वाले होते हैं। कितनी भी कठिनाइयां हों, दुख-तकलीफ हों। इनके मस्तिष्क पर विषाद की रेखाएं नहीं खिंचती और मुखारबिन्द पर हास्य बिखेरे रहते हैं। ये श्रेष्ठता के प्रतीक, सच्चे कर्मठ होते हैं। ये समाज के वास्तविक आभूषण कहलाने लायक होते हैं। वस्तुत: ऐसे ही सच्चे समाज सेवियों की आज के समाज में आवश्यकता है। विशिष्ट नायक- महाराणा प्रताप, उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द, पाब्लो पिकासो, महान दार्शनिक प्लेटो, उडऩपरी पी.टी. उषा, प्रकाश पादुकोण। शक्ति मंत्र- देश की सुरक्षा हेतु दृढ़ संकल्पशक्ति, महत्वाकांक्षा तथा प्राणों का लोभ त्यागकर लक्ष्य पाने का अदम्य साहस ही सफलता की कुंजी है। मनुष्य दत्तचित्त होकर पूरी निष्ठा व आस्था के साथ सत्कर्म करे- बाधाएं उसका पथ छोड़ देती हैं और भाग्य की देवी उसे इतिहास पुरुष बना देती है।

‘क्यू
‘क्यू अंग्रेजी वर्णमाला का यह 17 वां अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘क्यूÓ हो – वे अपने सिद्धांत के पक्के और इसके पीछे जीते मरते हैं। ये श्रेष्ठ विचारक होते हैं, जो कुछ विचार कर लेते हैं, उसी पर अडिग रहते हैं- ऐसे व्यक्तिसच्चे, ईमानदार एवं सहृदयी होते हैं। सही और व्यवस्थित ढंग से किसी कार्य योजना का श्रीगणेश करते हैं। जीवनयापन में विशेष व्यवस्था का अनुसरण करते हैं। इनके निश्चित लक्ष्य, निश्चित सिद्धांत होते हैं और इन्हें ये बदलते नहीं, बल्कि इन्हीं पर अडिग रहते हैं। शान्ति, गम्भीरता एवं भावुकता इनके जीवन के विशेष आभूषण हैं। उतावलापन इनमें नहीं होता। कभी किसी के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते तथा अपने कार्यों में भी हस्तक्षेप पसन्द नहीं करते। अहंकार, घमंड से परे रहकर जीवनयापन करने वाले ऐसे जातक श्रेष्ठ प्रशासक भी हो सकते हैं? विशिष्ट नायक: कुतुबुद्दीन ऐबक (जिसने दिल्ली की कुतुबमीनार बनवाई थी), क्वीन एलेक्जेण्डा। शक्ति मंत्र – एक सच्चा और ईमानदार कदम बेईमानी के दर्जनों कदमों को ढंक लेगा। सन्देह करने वाले लोगों के रक्षा कवच आपकी ईमानदारी और उदारता के कामों से शिथिल हो जाते हैं। जब आपकी थोड़ी सी ईमानदारी उनके कवच में छेद कर दे और आपकी ईमानदारी,सावधान लोगों को निरस्त्र करने का सबसे अच्छा तरीका है।

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‘आर अंग्रेजी वर्णमाला का यह 18वां अक्षर है। जिनके नाम का प्रथम अक्षर ‘आरÓ बनता है, ऐसे जातक श्रेष्ठ व्यक्तित्व के धनी, प्रभावशाली और मधुरभाषी होते हैं। अपरिचित व्यक्ति को शीघ्र से शीघ्र मित्र कैसे बनाया जा सकता है? कोई इनसे सीखे। अपने उच्चाधिकारी से अपना कोई भी कार्य बना लेना, इनके बायें हाथ
का खेल है। ये साधारण कुल-परिवार में जन्म लेकर भी उच्च स्थान प्राप्त नायक- गुलाम वंश का प्रथम बादशाह कर लेते हैं। समाज में ये विशेष लोकप्रिय होते हैं। जैसे जैसे इनकी आयु बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे ये जीवन में मान-प्रतिष्ठा, पद-इज्जत-सम्मान में अधिकाधिक वृद्धि कर लेते हैं। सही अर्थों में ये गुणी व्यक्तिहोते हैं। ऐसे जातक पक्के हितग्राही होते हैं। अपने हितों को नजर से ओझल नहीं होने देते। हित साधन के पश्चात-प्रत्युपकार करने में भी ये पीछे नहीं रहते। दूसरों को परख लेने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है। इनके जीवन का उत्तरार्ध श्रेष्ठ होता है। ये परिश्रमी और लगनशील होते हैं। सफलता की देवी इनके साथ परछाई की तरह चलती है। विशिष्ट नायक- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, संत रविदास, राजाराममोहन राय। शक्ति मंत्र- कहीं भी बहुत ज्यादा आने जाने से कीमत घटती है। आप जितना ज्यादा दिखते और बोलते हैं, उतने ही साधारण नजर आते हैं। आपके अनुपस्थित रहने पर आपके बारे में ज्यादा बातें होती होंगी। आपको बस यह सीख लेना चाहिए कि दूर कब रहना है। अभाव से हर चीज का मूल्य बढ़ जाता है, इस सिद्धांत का लाभ लें।

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‘एस – यह अंग्रेजी वर्णमाला का 19वां अक्षर है। जिसके नाम का प्रथम अक्षर ‘एसÓ बनता है- ऐसे जातक जीवन में महान बनने के लिए पैदा होते हैं। ऐसे व्यक्तिहंसमुख, विनोदी प्रकृति के होते हैं। अपने मालिक अथवा उच्चाधिकारी के प्रति पूर्ण रूप से वफादार रहते हैं। खुद कष्ट सहकर दूसरों को सुख देना, इन्हेंं अच्छा लगता है। ये मित्र-बन्धु भी काफी बना लेते हैं, भले ही वे इनके जीवन में सहायक न हों। लोकप्रियता पाने का लोभ ये छोड़ नहीं सकते। इनका लक्ष्य होता है- येन केन प्रकारेण लोकप्रिय बनना। इसलिए ये सामाजिक कार्यों, सभा, सोसायटियों, सार्वजनिक उत्सवों, प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। ज्यादा से ज्यादा जनसम्पर्क बनाए रखने का प्रयत्न करते हैं। कई दफा दूसरों के स्वार्थ की बेदी पर बलि चढ़ जाते हैं। अर्थ (वित्त) पक्ष समयानुसार सबल होता रहता है। धन अर्जित करने की अपेक्षा, ये विद्याव्यसनी अधिक होते हैं। विशिष्ट नायक- महान दार्शनिक सुकरात, सर विंस्टन चर्चिल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सर चाल्र्स चेपलिन, छत्रपति शिवाजी, सिकन्दर महान। शक्ति मंत्र- अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है। बहुमूल्य जानकारी इकट्ठी करने के लिए जासूसों का इस्तेमाल करें, ताकि आप एक कदम आगे रह सकें। इससे भी अच्छा तरीका यह है कि आप खुद जासूस की भूमिका निभाएं। सौहार्दपूर्ण सामाजिक मुलाकातों में यह काम करना सीखें। अप्रत्यक्ष सवाल पूछें, ताकि लोग अपनी कमजोरियों और इरादों को उजागर कर दें।

‘टी
‘टी अंग्रेजी वर्णमाला का यह 20 वां अक्षर है। जिस जातक के नाम का प्रथम अक्षर ‘टीÓ होता है- ऐसे व्यक्ति स्वतंत्र एवं त्वरित निर्णय लेने वाले होते हैं। कोई कुछ भी कहे-सुनते सबकी हैं, परन्तु करते वही हैं, जो इन्हें न्यायसंगत और ठीक लगे। ये प्रबल आत्मविश्वास वाले होते हैं। अपनी उन्नति के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। गलत तरीकों से उन्नति, लाभ अर्जित करना इन्हें पसन्द नहीं, अपितु सफलता हेतुु न्यायसंगत तथा विवेकपूर्ण आधार अपनाते हैं। ऐसे जातक आस्तिक होते हैं। ईश्वर की सत्ता पर इनका अटूट विश्वास होता है। ये अपने पूरे जीवन में ‘भगवत गीताÓ के इन दो वाक्यों को प्रमुखता देकर चलते हैं – (1) कर्म करते चलो, फल की इच्छा मत करो। (2) जैसा कर्म तुम करोगे, वैसा फल पाओगे। ऐसे व्यक्तिसमाज, प्रशासन अथवा राजनीति में शिखर पुरुष के रूप में सम्मानित होते देखे जा सकते हैं। विशिष्ट नायक: टॉमस एल्वा एडीसन, संगीत सम्राट तानसेन, टी.एन. शेषन। शक्ति मंत्र- युद्ध के प्रमुख दार्शनिक कार्लवॉन क्लॉजेविट्ज के अनुसार अपने दुश्मन पर दया न करें। अपने दुश्मन को उसी तरह से पूरा कुचल डालें, जिस तरह मौका मिलने पर वे आपको कुचल डालते हैं। दुश्मनों के मिट जाने के बाद ही आपको शान्ति और सुरक्षा मिल सकती है।

‘यू

‘यू अंग्रेजी वर्णमाला का यह 21वां अक्षर है। जिस व्यक्ति के नाम का प्रथम अक्षर ‘यूÓ से बने ऐसे जातक सुलझे विचारों के धनी होते हैं। सत्य की खोज के लिए ये प्राणाहुति तक दे सकते हैं। ये नवीन स्थितियों, कार्यों तथा विचारों वाले होते हैं। संसार में जो कुछ नया दिखाई दे- उसके जन्मदाता ऐसे जातक ही हो सकते हैं। रूढि़वादिता को ये पसन्द नहीं करते। जीवन के हर क्षेत्र में सबसे अलग इनके विचार होते हैं। इनके शत्रु भी बहुत होते हैं, जो पीठ-पीछे कुचक्र रचते रहते हैं। सामने आने पर हितोपदेशी बने नजर आते हैं। भेद को अन्तर्मन में छिपा कर रखना, कोई इनसे सीखें। जीवन में जो कुछ गुजर गया, उसका विचार-पश्चाताप ये नहीं करते। वर्तमान को कैसे समृद्ध तथा उज्जवल बनाया जा सकता है- इस ओर इनका विशेष ध्यान रहता है। भविष्य की चिन्ता ये खुद नहीं करते, ईश्वर को अर्पण कर देते हैं। विशिष्ट नायक- प्रथम अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन (सोवियत संघ), राष्ट्रपति यूलीसीज ग्रॉट, शायर उमर खय्याम। शक्ति मंत्र- इंसान आदतों के हिसाब से चलते हैं। आपके लीक पर चलते रहने से उन्हें यह अहसास होता है कि आप नियंत्रण में हैं। पांसों को पलट दें? जानबूझ कर अनापेक्षित काम करें? लोग हमेशा आपके कार्यों के पीछे उद्देश्यों को समझने की कोशिश करते हैं, ताकि आपके खिलाफ रणनीति बनाई जा सके।

‘व्ही
‘व्ही अंग्रेजी वर्णमाला का यह 22वां अक्षर है। जिस जातक के नाम का प्रथम अक्षर ‘व्हीÓ हो ऐसा व्यक्ति ज्ञान, विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहता है। वे अपने मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा की रक्षा में सदैव तत्पर रहते हैं। साथ ही दूसरों के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाते। समाज तथा सभा सोसायटी में सदैव आदर पाते हैं। इनके कार्यों की ओर लोग विशेष ध्यान देते हैं। उनके द्वारा किये जा रहे सत्कार्यों की हृदय से सराहना की जाती है। जीवन में कोई भी जटिल कार्य व पेचीदा मसला हो, ये चुटकियों में हंसते हंसते युक्तिबल से सुलझा देते हैं। इनके व्यक्तित्व की खूबी होती है, दूसरों को अपने व्यवहार से प्रभावित कर अपना बना लेना। प्रबल आत्मविश्वास और कर्मठता तथा दूरदर्शिता को अपनाकर ऐसे मानव समाज में आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो ये समाज के पथ प्रदर्शक के रूप में जाने जाते हैं। विशिष्ट नायक- स्वामी विवेकानंद, महारानी विक्टोरिया, वास्कोडिगामा, केसर विल्हेम। शक्ति मंत्र- इंसान स्वभाव से सामाजिक है। इसलिए शक्ति, सामाजिक आदान-प्रदान और व्यवहार पर निर्भर होती हैै। लोगों से मेलजोल बढ़ाएं, पुराने सहयोगी खोजें, नए साथी बनायें और अलग अलग समूहों में जाएं। शक्तिशाली लोग सदियों से इस तकनीक पर चलते आ रहे हैं। अगर सम्प्रेषण और बुद्धि से आपका नाता खत्म हो जायेगा, तो आपका प्रभा मण्डल निस्तेज हो जावेगा और आप अस्तित्वहीन हो जाएंगे।

‘डब्ल्यू

‘डब्ल्यू अंग्रेजी वर्णमाला का यह 23 वां अक्षर है। जिस जातक के नाम का पहला अक्षर ‘डब्ल्यूÓ होता है- वे बुध से प्रभावित विद्वान, परिश्रमी, धैर्यवान तथा कर्मठता के लिए जाने जातेे हैं। वे जोखिम भरे कार्यों को करने में हिचकिचाते नहीं वरन आनंद का अनुभव करते हैं। जोखिम उठाने में ऐसे व्यक्ति सिद्धहस्त होते हैं। लेखन विद्या में अग्रणी, सेना में उच्च पदों पर और तंत्र मंत्र में भी विशेषज्ञ माने जाते हैं। रोमांचक कार्यों के करने में उल्लासित होते हैं। ये बेहद फुर्तीले होते हैं। इस शब्द से प्रभावित विश्व के अनेक राजनैतिक, साहित्यिक और सेना के उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति इतिहास के सुनहरे पन्नों में पढ़े जा सकते हैं। आलस्य इनसे दूर भागता है। हर क्षण, हर बात और हर कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकार कर आगे बढ़ते हैं। परिवर्तनशीलता इनके जीवन की विशेषता मानी जाती है। समय के अनुसार इनका चरित्र रहस्यमयी पगडंडियों मेंं विचरण करता यदाकदा इन्हें युग पुरुष भी बना देता है। यह किसी से हार नहीं मानते। किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करते अपितु सामने वाले को झुकाने में अपना पूरा जोर लगा देते हैं। विशिष्ट नायक- राष्ट्रपति विल्सन, विन्स्टन चर्चिल, वाल्टेयर, विलियन वर्ड्सवर्थ, सर वाल्टर स्कार्ट। शक्ति मंत्र- एकाग्रता को बिखराव से ज्यादा मूल्यवान मानें। पूर्णता संख्या में नहीं, बल्कि गुणवत्ता में होती है। बहुत से काम करने में लगने वाला व्यक्ति कभी औसत से ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाता है। बहुत ज्यादा रुचियों वाले लोगों का दुर्भाग्य यह होता है कि वे हर मामले में हाथ तो डालते हैं, लेकिन उनकी पकड़ किसी में नहीं होती। एकाग्रता से ऊंचा स्थान मिलता है और इससे इंसान बहुत ऊंचाई पर पहुंच जाता है।

‘एक्स

‘एक्स अंग्रेजी वर्णमाला का यह 24 वां अक्षर है। जिस व्यक्ति के नाम का पहला अक्षर ‘एक्सÓ हो तो ऐसे जातक झूठ तथा आडम्बरों के दिखावेपन पर विश्वास करते हैं। वास्तविकता में ये सत्य से कोसों दूर होते हैं। लापरवाही और घनिष्ठता से इनकी गहरी मित्रता होती है। ये वाचाल प्रवृत्ति के शेखी बघारने वाले तथा बढ़ चढ़कर बातें बनाने मेें ये माहिर होते हैं। किसी भी कार्य या बात के प्रति येे जिम्मेदारी प्रदर्शित नहीं करते। जिम्मेदारी से इनकी जन्मजात शत्रुता रहती है। भाग्यवश, ग्रहों की अनुकूलता और अपनों के सहयोग से अपनी प्रौढ़ावस्था में इनके जीवन में कुछ विशेष चमक दिख जाये, तो इन्हें दूर से ही नमन् कीजिए। प्रमुखत: आलस्य इनका आभूषण है। वाणी की विश्वसनीयता यदाकदा इनके लिए कष्टदायिनी बन जाती है। विशिष्ट नायक- जोबियर (एक्सपीयर) शक्ति मंत्र- समाज द्वारा लादी गई भूमिकाओं को स्वीकार न करें। एक नई पहचान बनाकर खुद को नये सांचे में ढालें। अपनी एक ऐसी पहचान बनायें, जिसकी तरफ लोगों का ध्यान जाए। दूसरों की बनाई छवि के हिसाब से जीने से बेहतर यह है कि आप अपनी छवि खुद बनाएं। अपने सार्वजनिक कार्यों और मुद्राओं में नाटकीय तरीकों का प्रयोग करें। इससे आपकी शक्तिबढ़ेगी और आपका कद जिन्दगी से बड़ा नजर आयेगा।

‘वाई
‘वाई अंग्रेजी वर्णमाला का यह 25वां अक्षर है। जिस जातक के नाम का प्रथम अक्षर ‘वाईÓ हो तो ऐसे व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होते हैं। वे अपने आप में खोये रहते हैं और अपनी मस्ती में मस्त रहते हैं। जब ये जाग जाते हैं तो विश्व को अपनी संगठन क्षमता से चमत्कृत कर जाते हैं- यासर अराफात भी एक ऐसा जीवट इतिहास पुरुष बना, जिसने अपने बुलन्द इरादों से विश्व के राजनैतिक रंगमंच पर तहलका मचा दिया। ऐसे व्यक्तिअनुपम, अनूठे व्यक्तित्व के धनी होते हैं। विश्व जनमानस को अपने कृत्यों द्वारा प्रभावित करने में ये सफल भी होते देखे गए हैं। दार्शनिक रंगमंच पर भी विश्वस्तरीय साहित्यिक रचनाकारों ने अपनी लेखनी से जनमानस को उद्वेलित कर रखा है। भौतिक दृष्टि से ऐसे जातक भले ही उद्योगपतियों की तुलना में कुछ कमजोर दिखें- किन्तु समृद्ध सामाजिक पृष्ठभूमि इनके अभिनन्दन के लिए पलक पावड़े बिछाये खड़ी रहती है अथवा साहित्यकार के रूप में अद्भुत गं्रथों के सर्जक बन मानवीय चेतना को झंकृत कर देने में सक्षम होते हैं। विशिष्ट नायक- अमर संगीतकार योहेन सेबेस्टियन (जर्मनी), यूजीन फील्ड (कवि), यासिर अराफात। शक्ति मंत्र- शक्ति काफी हद तक दिखावे पर निर्भर करती है, इसलिए आपको ऐसी तरकीबें सीखना चाहिए, जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़े। शक्तिका यह आभा मण्डल समय के साथ बढ़ता जाता है। शक्ति हमेशा परिवर्तनशील होती है। यह आपको धैर्य और आत्मनियंत्रण सिखाती है। आवश्यकता पडऩे पर अगर आप समर्पण कर देते हैं, तो लगभग हमेशा जीत आपकी होती है।

‘जेड
‘जेड अंग्रेजी वर्णमाला के गणनाक्रम में यह अन्तिम अक्षर है। जिस जातक के नाम का प्रथम अक्षर ‘जेडÓ से प्रारंभ होता हो, वे तुनक मिजाक तथा जल्दबाज देखे गए हैं। ये पक्के स्वार्थी तथा जिद्दी होते हैं। इनके मित्रों की संख्या नगण्य किन्तु शत्रुओं की लम्बी कतार इनके जीवन के आसपास नजर आयेगी। इनकी शत्रुता चिरस्थायी होती है। वे क्रोधी, बदमिजाज तथा अविवेकी होते हैं, किन्तु कूटनीति के क्षेत्र में, ये विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। विवाद की कोई भी समरभूमि हो तथा राजनैतिक परिदृश्य में अच्छे अच्छों की पृष्ठभूमि में उच्चकोटि के आविष्कारक होंगे। न्यायालयीन क्षेत्र में न्यायाधीश के गरिमामय पद पर हों या अपनी लाजवाब युक्तियों से पैरवी करते हुए एडवोकेट की भूमिका में हों, तार्किक लहजा, इनकी उपस्थिति को गरिमामय बना देती है। विशिष्ट नायक- पारसी धर्म के प्रवर्तक जरथुष्ट। शक्तिमंत्र- यह जान लें कि चाहे व्यक्ति कितना ही महत्वहीन या छोटा हो, वह कभी न कभी काम आ सकता है। लेकिन अगर आपने उसका कभी अपमान किया, तो वह आपके काम नहीं आयेगा। गलतियों को अक्सर माफ कर दिया जाता है, लेकिन अपमान को कभी माफ नहीं किया जाता। सत्यता का परिदृश्य युगान्तकारी होता है और मानवीय चेतना को जगाने वाले युग पुरुष का अवतरण जनमानस को पुलकित कर देता है।