गटर में गिरकर मासूम की मौत, नागरिकों ने लगाया जाम

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balikaफर्रुखाबाद: थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के हैवतपुर गढ़िया काशीराम कालोनी निवासी बृजेश सक्सेना के 5 वर्षीय पुत्र प्रांशू सक्सेना की कालोनी परिसर में ही बने गटर में गिरकर मौत हो गयी। आक्रोशित लोगों ने नगर पालिका के विरुद्व जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद नागरिकों ने चौक पर जाम लगा दिया।

शाम तकरीबन चार बजे प्रांशु कालोनी के प्रांगण में पpranshuतंग लूटने के चक्कर में बने गटर में गिर गया। जिससे वह तीन घंटे तक गटर में ही पड़ा रहा। जानकारी होने पर प्रांशु को परिजनों ने निकालकर नाला nagrikमछरट्टा स्थित एक प्राइवेट नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे रिफर कर दिया। परिजन उसे लोहिया अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन पुन: हैवतपुर गढ़िया पहुंच गये। इस दौरान प्रांशु का पिता मौके पर नहीं पहुंचा था। क्योंकि वह मजदूरी करने गया था। विकलांग मां गीता ही अपने पुत्र की मौत की खबर आते ही दहाड़े मार मार कर रो रही थी। मां के करुण क्रंदन सुनकर हैवतपुर गढ़िया कालोनी के नागरिक आक्रोशित हो गये। आक्रोशित होना भी लाजमी था। कई महीनों से नगर पालिका की लापरवाही के चलते कालोनी के एक दर्जन से अधिक गटर के ढक्कन खुले हुए थे। जिसमें एक गटर में गिरकर मासूम प्रांशु की मौत हो गयी थी। नगर पालिका की लापरवाही ने विकलांग गीता की कोख ही उजाड़ sdmदी। गीता के कोई दूसरी संतान नहीं है। आक्रोशित भीड़ मृतक प्राशु को लेकर शहर क्षेत्र के चौक पर पहुंच गयी व जमीन पर बैठ कर जाम लगा दिया। भीड़ ने नगर पालिका व तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की। आक्रोशित नागरिकों का आरोप था कि प्रांशु के गटर में गिरने के दौरान तहसीलदार सदर राजेन्द्र चौधरी मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने सहानुभूति की जगह उल्टा परिजनों व स्थानीय नागरिकों को दोषी ठहराकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। मृत प्रांशु के परिजनों के समर्थन में तकरीबन डेढ़ सैकड़ा लोग चौक पर बैठ गये।

सूचना मिलने पर शहर कोतवाल रूम सिंह यादव मौके पर पहुंचे व आक्रोषित भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लेकिन भीड़ मौके पर प्रशासनिक सक्षम अधिकारी को बुलाने की मांग करने लगी। जिस पर कोतवाल ने फोन से एसडीएम सदर भगवानदीन वर्मा को जानकारी दी। सूचना मिलने के कुछ देर बाद एसडीएम मौके पर पहुंचे व मृत प्रांशु के रोते बिलखते माता पिता से बात की। एसडीएम ने प्रांशु के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से धन देने, हैवतपुर गढ़िया कालोनी में एक आवास मुहैया कराने व दोषी सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के आश्वासन के बाद आक्रोषित भीड़ ने जाम खोला व शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

आक्रोषित भीड़ में खुशनूर, होरीलाल, शाबिर हसन, सोनू गुप्ता, चमन, राजेन्द्र, रमाकांत, चांद खां, सुभाष गुप्ता आदि शामिल रहे।