फर्रुखाबाद : मकर संक्रांति पर गंगा तट घटियाघाट तट पर लाखों लोगों की भीड़ जुटने की संभावना जतायी जा रही है। जिसके लिए जिलाधिकारी ने चाक चौबंध व्यवस्था करने के सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये थे। लेकिन गंगा स्नान में अब कुछ ही घंटे बाकी होने के बाद भी गंगा तट पर घाटों तक की सुचारू रूप से सफाई नहीं की है। जिससे आने वाले श्रद्धालु व साधु प्रशासन व स्थानीय समाजसेवियों को थूकते नजर आते हैं।
गंगा तट घटियाघाट पर जहां एक ओर मकर संक्रांति के पावन पर्व पर स्नान के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है वहीं रामनगरिया में एक महीने तक कल्पवास करने वालों ने भी अपनी जगह को सुरक्षित करने के लिए झोपड़ी इत्यादि डालनी शुरू कर दी है। गंगा तट घटियाघाट पर मकर संक्रांति के पर्व पर लोग बड़े ही श्रद्धा के साथ पहुंचकर गंगा स्नान के बाद दान पुण्य इत्यादि करके पुण्य लाभ कमाते हैं। जिसके लिए श्रद्धालु अभी से ही गंगा तट पर पहुंचने शुरू हो चुके हैं। वहीं गंगा तट पर स्नान के लिए अभी से ही बैरीकेटिंग के साथ ही महिलाओ के लिए अलग से कपड़े बदलने को जगह बनायी गयी है। लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से गंगा घाटों पर स्नान के लिए सफाई इत्यादि नहीं करायी गयी है। बाहर से आने वाले लोग व संत महात्माओ का कहना है कि प्रशासन इस बार रामनगरिया मेले को नजरंदाज किये हुए है जबकि इलाहाबाद कुम्भ मेले को देखते हुए इस बार गंगा स्नान के लिए कुछ ज्यादा ही श्रद्धालु जुटने के कयास लगाये जा रहे हैं। जिससे प्रशासन को इस बार काफी अच्छी व्यववस्थायें करानी चाहिए थीं। लेकिन अभी तक सामान्य उपयोग के पेयजल व अन्य सुविधायें तक मुहैया नहीं कराया गया है।
जमुनिया क्षेत्र के महंत गोपालदास का कहना है कि वह तीन दिन पहले से गंगा तट पर आ चुके हैं लेकिन रामनगरिया में अभी तक कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिल रही है। रामनगरिया मेला लगने में मात्र १२ दिन बचे हैं। लेकिन प्रशासनिक व्यवस्थायें अभी तक जीरो हैं। वहीं बाबा अंगददास का कहना है कि घाटों पर इतनी गंदगी है कि लोग इन घाटों पर किस तरह से नहायेंगे व कपड़े इत्यादि बदलेंगे। प्रशासन को इसकी कतई परवाह नहीं है।
प्रवासियों में जगह कब्जाने को लेकर मारामारी
गंगा तट पर एक माह तक प्रवास करके गंगा स्नान करने वालों में अधिक से अधिक जगह कब्जाने को लेकर अभी से ही मारामारी मची हुई है। प्रति दिन गंगा तट पर भक्त आकर अपनी अपनी जगह को समतल करवाकर झोपड़ी इत्यादि के लिए सामान जुटा रहे हैं। वहीं प्रवासियों में गंगा तट के बिलकुल नजदीकी जगह घेरने को लेकर ज्यादा मारामारी मची हुई है। लोगों का मानना है कि ज्यादा दूर गंगा होने से उन्हें व उनके यहां आने वाले अन्य लोगों को गंगा में नहाने में दिक्कतें होती हैं। जिससे वह लोग गंगा तट के बिलकुल नजदीक झोपड़ी डालकर रहेंगे। वहीं उनका यह भी मानना है कि गंगा तट के बिलकुल नजदीकी जगह पर सर्दी भी कम सतायेगी। जिससे उन लोगों को अलाव इत्यादि की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी।