अफरातफरी के बीच सम्पन्न हुआ सालाना उर्स

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फर्रुखाबाद: शहर के मोहल्ला पुलखाम स्थित दरगाह छोटे बड़े साहब की दरगाह पर बीते तीन दिनों से उर्स का आयोजन धूम धाम से किया जा रहा था। जिसके तहत बीती रात महफिले समां का आयोजन किया गया। दिल्ली से आये कब्बाल जीशान फैजान ने अपने फन का मुजाहिरा पेश कर मौजूद हजरात को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया। वहीं महफिले समां में शोहदों द्वारा किन्नरों से अभद्रता किये जाने पर पूरी रात विवाद की स्थिति बनी रही।

महफिले शमां में कब्बाल जीशान फैजान ने कब्बाली पेश की – दिल के शीशे में उतर आयी है सूरत तेरी, करता रहता हूं शबो रोज जियारत तेरी। शाहिद नियाजी ने पढ़ा जो मुझमें बोलता है मैं नहीं हूं ये जलवा यार का है मैं नहीं हूं। जुनैद सुल्तानी कब्बाल दिल्ली ने फरमाया मुझे अपने ख्वाजा पे नाज है, निश्वते चिश्तिया से मेरे दिल को चैन है, ख्वाजा का हर गुलाम गुलामे हुसैन है। मुकामी कब्बाल कमालुद्दीन ने अपने अशार में कहा कि छुपा के रखना ये राजे उल्फत कोई सुनेगा तो क्या कहेगा, खुदा से पहले सनम को सजदा, कोई सुनेगा तो क्या कहेगा। गजल पढ़कर वाहवाही लूटी।

बाद नमाजे अस्र कुल शरीफ व फातहा की रस्म से पहले दरगाह हुसैनिया मुजीबिया के सज्जादा नसीन सैय्यद कारी शाह फसीह मुजीबी ने अपनी तकरीर में कहा कि ऐ ईमान वालो अल्लाह से डरो और सच्चों के साथ हो जाओ। उन्होंने कलाम पढ़ा पहुंचा दो पैगाम नवी का दुनिया के हर गोसे में सच्ची है बस बात नवी की बाकी सब दुनियादारी है।

वहीं महफिले समां में मोहल्ला खैराती खां के कुछ शोहदों ने किन्नरों के साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी। जिसके बाद महफिल में अफरा तफरी मच गयी। पुलिस व्यवस्था के न होने के कारण पूरी रात शोहदों की बजह से माहौल खराब रहा।

इस दौरान मोहम्मद अयूब, हाजी इस्लाम अली, मुन्ना वेलकम, आफताब अली खां एडवोकेट, मोहम्मद शाबिर उर्फ पप्पू, मोहम्मद सद्दीक मंसूरी, अजहर हुसैन रहमानी, हाजी इस्लाम चौधरी, हाजी दिलदार हुसैन ठेकेदार, असलम कुरैसी, मोहम्मद हसीन खां आदि लोग मौजूद रहे।