नमाज का पाबंद मोर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एक गांव की मस्जिद में आने वाला एक नमाजी थोड़ा खास है। यह कोई इंसान नहीं, बल्कि मोर है। यह अनोखा ‘नमाजी’ नमाज के वक्त मस्जिद में जाकर मनमोहक तरीके से नाचता है। बुलंदशहर के बोकरासी गांव स्थित इस इकलौती मस्जिद का यह अद्भुत नमाजी आकर्षण का केंद्र बन गया है।

अल्लाह के प्रति मोर के इस अटूट जुड़ाव को देखकर स्थानीय लोग उसे प्यार से ऊपर वाले का परिंदा कहकर बुलाते हैं। मस्जिद के मौलाना रहमान कहते हैं कि नमाज का समय शुरू होने से पहले मोर मस्जिद की दीवार पर आकर बैठ जाता है और जैसे ही नमाज शुरू होती है, वह मस्जिद के अहाते में आकर नाचने लगता है।

ग्रामीणों के मुताबिक विगत दो वर्षो से वे नमाज के समय इस मोर को नाचते हुए देख रहे हैं। स्थानीय निवासी बाबर खान कहते हैं कि मोर समय का बहुत पाबंद है। खासकर शाम को अता की जाने वाली अजान की नमाज शुरू होने से पहले वह चबूतरे पर आकर बैठ जाता है और मस्जिद आने वाले नमाजियों का घूम-घूमकर इस्तकबाल करता है।

जैसे ही अजान की नमाज शुरू होती है, वह मनमोहन ढंग से नाचना शुरू कर देता है। यह कभी न भूलने वाले लम्हे जैसा होता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो मोर के इस व्यवहार से हम सब हतप्रभ थे, लेकिन अब नमाज के दौरान मोर का नाचना आम बात हो गई है। ग्रामीणों का कहना कि करीब चार माह पहले यह मोर गांव में पहली बार दिखा था।

शुरुआत में गांव के कुछ लोग उसे खाना खिलाते थे। धीरे-धीरे वह सबका चहेता बन गया। मौलाना कहते हैं कि करीब दो साल पहले एक दिन मोर नमाजियों के पीछे-पीछे मस्जिद परिसर आया था। उसके बाद वह लगातार नमाज के वक्त नियिमत रूप से आने लगा।