फर्रुखाबाद: सरकार शिक्षा के उन्नयन पर पानी की तरह पैसा भले ही बहा रही हो लेकिन जनपद में गरीबों को उसका लाभ नाम मात्र भी नहीं मिल पा रहा है। इसे विभागीय अधिकारियों की लेट लतीफी कहें या योजना के प्रति गैर गंभीरता। गरीबों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति आधे अधिक सत्र बीत जाने के बाद भी नहीं बांटी जा सकी है। सत्र 2012-13 को चलते लगभग सात माह का समय बीत चुका है लेकिन विभाग की तरफ से मात्र अनुसूचित जाति के छात्रों को ही बजीफा उपलब्ध कराया जा सका है। वह भी अभी तक अधिकांश स्कूलों में बांटा नहीं गया है।
जहां एक ओर परिवारिक आय प्रमाणपत्र बनवाने में गरीबों को लेखपालों के चक्कर काटने पड़े। जैसे तैसे गरीब छात्र छात्राओं ने लेखपालों से निर्धारित वार्षिक आय का प्रमाणपत्र बनवाकर यदि आवेदन कर दिया तो अब उन्हें सत्र बीतने के कगार पर पहुंच चुका है लेकिन अभी बजीफे की हवा तक नहीं लगी। जनपद में अभी तक कुछ अनुसूचित जाति के छात्रों को ही बजीफा उपलब्ध कराया गया था। जिसके बाद दूसरी बार शासन स्तर से अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं के बजीफे के लिए 53 लाख 94 हजार भेजे गये हैं। जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति के कक्षा 9 से 10 तक के छात्रों के खातों में 9 लाख 72 हजार रुपये भेजे गये हैं। वहीं कक्षा 1 से 8 तक के छात्रो के बजीफे की धनराशि ग्राम शिक्षा निधि के खातों में कुल 44 लाख 22 हजार रुपये भेज दी गयी है।
अभी तक पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं के बजीफे की धनराशि के सम्बंध में विभागीय स्तर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। अब पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।