बाबा रामदेव और अन्ना का अनुयायी है इण्डिया गेट पर अनशन कर रहा फर्रुखाबाद का बाबू सिंह

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फर्रुखाबाद:दिल्‍ली रेप कांड के विरोध में इंडिया गेट पर विगत 9 दिनों से अनशन पर बैठे राजेपुर के ग्राम बदनपुर निवासी बाबू सिंह को जनपद में भले ही कोई न जानता हो परंतु वह आज कल राष्‍ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में हैं। बाबू सिंह के गांव बदनपुर में उनके पिता भगवान सिंह भी बेटे की शोहरत पर गदगद हैं। केवल कक्षा 5 पास बाबू सिंह ने मात्र 45 वर्ष की उम्र में ही बस कंडक्‍टरी शुरू किये अपने कैरियर को मोजा फैक्‍ट्री के मालिक तक पहुंचाया। परंतु उनका मन व्‍यापार में नहीं लगा, और वह बाबा रामदेव के अनुयायी हो गये। दिल्‍ली में बाबा के आंदोलन में पुलिस लाठी चार्ज में भी बाबू सिंह घायल हो चुके हैं। बाद में वह अन्‍ना समर्थक हो गये थे।

जनपद के विकासखण्ड राजेपुर के ग्राम बदनपुर निवासी बाबू सिंह सोमवंशी ने मामूली से कन्डेक्टर की नौकरी करने के बाद अपने जीवन में कहां से कहां तक बदलाव लाये और आज वह फर्रुखाबाद का नाम रोशन कर रहे हैं। गैंग रेप पीड़ित दामिनी के लिए वह देश की राजधानी दिल्ली के इण्डिया गेट पर बीते 9 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे है।

कहते हैं कि आदमी का मन आग की तरह है उसमें इच्छा रूपी लकड़ी जितनी जलाओगे उतनी ही आग और भड़केगी। 70 वर्षीय भगवान सिंह सोमवंशी के चार पुत्र हैं जिनमें सबसे छोटा बाबू सिंह सोमवंशी शुरू से ही ओजस्वी सोच और ऊंचे विचारों वाला था। भगवान सिंह सोमवंशी ने कभी भी सपनों में भी नहीं सोचा था कि वर्तमान में चारों तरफ व्याप्त भ्रष्टाचार की लड़ाई में उसका पुत्र अपने आपको इस कदर लगा देगा। आठ साल पूर्व बाबू सिंह सोमवंशी ने अपने जीवन यापन के लिए प्राइवेट तौर पर एक बस में कन्डक्टर की नौकरी कर ली थी। अपनी कार्यकुशलता के चलते बाबू सिंह ने कन्डेक्टर की नौकरी छोड़कर खुद ही एक बस को चलाना शुरू किया अब बाबू सिंह सोमवंशी इस बस के मालिक थे। 25 वर्ष की उम्र में बाबू सिंह का विवाह पड़ोसी जनपद हरदोई के ग्राम अनगपुर थाना पाली से गुड्डी के साथ हो गया। उधर बाबू सिंह सोमवंशी अपनी बस से होने वाली कमाई से परिवार का पेट पालने लगे। तभी कुछ समय बाद बाबू सिंह तीन बच्चों के पिता बन गये। परिवार का बोझ बढ़ा तो बस को छोड़कर दिल्ली में ही एक मोजा बनाने की फैक्ट्री खोल ली। फैक्ट्री से हो रही आमदनी से वह अपने परिवार का पेट पालने लगे। लेकिन देश प्रेम का जज्बा उनके अंदर उबाल ले रहा था। कहते हैं कि योग्य व्यक्ति को अगर मौका मिल जाये तो वह बहुत कुछ कर सकता है। तभी बाबू सिंह सोमवंशी बाबा रामदेव के सम्पर्क में आ गये। रामदेव के विचारों ने बाबू सिंह पर गहरी छाप छोड़ी और वह उनके सिद्धान्तों का प्रचार समाज में करने लगे।

इसी बीच कुछ समय बाद समाजसेवी अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ मैदान में कूद पड़े तो बाबू सिंह सोमवंशी अन्ना हजारे के साथ भी इस आंदोलन में शामिल रहे और उनके साथ जंतर मंतर पर कई दिनों तक अनशन पर भी बैठे रहे।

विदित है कि 14 जुलाई को मेरापुर थाना क्षेत्र के ग्राम देवसनी के प्रधान गंगा सिंह के बुलेरो चालक राजू कठेरिया को तत्कालीन थानाध्यक्ष ए के सिंह दबिश के लिए ले गये थे तभी बेबर के निकट राजू की संदिग्ध मौत हो गयी थी। मौत के बाद पुलिस शव लेकर लोहिया अस्पताल आयी थी जहां पुलिस की लापरवाही को लेकर बाबू सिंह सोमवंशी ने थानाध्यक्ष ए के सिंह व तत्कालीन शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह से तीखी झड़पें की थीं।

आज बाबू सिंह सोमवंशी बीते 9 दिन से इण्डिया गेट पर गैंग रेप के बाद मौत के घाट उतर जाने के बाद उसको न्याय दिलाने के लिए अनशन पर बैठे हैं। जिसकी जानकारी उनके गांव में पहुंची तो गांव के लोग बाबू सिंह की इच्छाओं को और मजबूत बनाने की दुआ करते नजर आये। वहीं जनपदवासियों ने भी बाबू सिंह सोमवंशी को उसके मजबूत इरादे को लेकर सलाम किया है।