फर्रुखाबाद : बीते दिनों फर्रुखाबाद महोत्सव शुरू होने से पूर्व हुई कार्यकारिणी की बैठक में ही कार्यक्रम के आयोजक रामकृष्ण राजपूत ने स्पष्ट रूप से फर्रुखाबाद महोत्सव के आयोजक पद से किनारा करने की बात कही गयी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अब वृद्व हो चले हैं अब उनसे फर्रुखाबाद महोत्सव में होने वाली भाग दौड़ कर पाना असंभव प्रतीत होता है। उन्हें आयोजक की तलाश है। वहीं उनकी पत्नी पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत ने 1 जनवरी मंगलवार को हुए आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा गोष्ठी में कह दिया कि उन्हें जितेन्द्र यादव के रूप में फर्रुखाबाद महोत्सव का वारिश मिल गया है।
फर्रुखाबाद महोत्सव में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डा0 जितेन्द्र सिंह यादव को आमंत्रित किया गया था। जिसमें पहुंचे डा0 जितेन्द्र ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एलोपैथिक का जन्म आयुर्वेद से हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में 350 पौधे लगाये गये हैं। जिन पर शोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फर्रुखाबाद का 300वें वर्ष का महोत्सव पिछले सभी महोत्सवों से व्यापक एवं विस्तृत हुआ है। इसी दौरान बोलते हुए पू्र्व विधायक उर्मिला राजपूत ने कहा कि फर्रुखाबाद महोत्सव अपने बारिश की तलाश कर रहा था लेकिन अब डा0 जितेन्द्र के रूप में उन्हें फर्रुखाबाद का बारिश मिल गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा0 जी एस राजपूत ने कहा कि अंग्रेजी शासन से पूर्व हमारे देश में आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सा पद्धति से ही बीमारियों का इलाज होता था। नई नई बीमारियां बढ़ने से विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित है। कार्यक्रम में सरदार डा0 मंजीत सिंह, संतोष प्रजापति, डा0 पुष्पेन्द्र बुंदेला, डा0 ए के शुक्ला, डा0 रामकृष्ण राजपूत आदि लोग भी मौजूद रहे।