फर्रुखाबाद: जहां एक तरफ जिलाधिकारी की मौजूदगी में तहसील दिवसों में फरियादियों का जमावड़ा लग जाता है वहीं 1 जनवरी को सदर तहसील में हुए तहसील दिवस में फरियादियों का टोटा दिखा। जो फरियादी अपनी शिकायतों को लेकर आये भी वह भी शिकायतें देकर वापस लौट गये। मात्र एक के अलावा किसी का भी निस्तारण मौके पर नहीं किया जा सका।
एक समय था जब आम जनता को भरोसा होता था कि यदि वह तहसील दिवस में अपनी शिकायत को देगा तो उसे हर संभव न्याय मिल ही जायेगा। लेकिन आम जनता का तहसील दिवसों से भरोसा लगातार टूटता जा रहा है। अब मात्र जिलाधिकारी की मौजूदगी वाले दिन ही तहसील दिवस में लोग अपनी शिकायतों को देना पसंद कर रहे हैं। जिसका मुख्य कारण यही है कि अन्य तहसील दिवसों में या तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं की जाती और यदि दर्ज कर ली जाती है तो उसका त्वरित निस्तारण तो छोड़िये महीनों निस्तारण नहीं होता यदि हो भी जाये तो आधा अधूरा करके खानापूरी कर दी जाती है। जिससे लोगों का अब इन तहसील दिवसों से कतई विश्वास उठ चुका है।
मंगलवार को एडीएम कमलेश कुमार की अध्यक्षता में हुए तहसील दिवस में मात्र 20 शिकायतें आयीं। जिनमें 10 राजस्व, तीन शिकायतें पुलिस, एक विकास सम्बंधी, 1 विकलांगों से सम्बंधित, 1 जल निगम, 2 आपूर्ति विभाग की आयीं। जिनमें मात्र एक शिकायत का ही निस्तारण किया जा सका। बाकी 19 शिकायतें सम्बंधित अधिकारियों को अग्रसारित कर दी गयीं।