फर्रुखाबाद: सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन में भाग लेने आये विभन्न धर्मों के वक्ताओं ने लगभग एक ही संदेश् देने का प्रयास किया कि कोई भी मजहब आपस में बैर रखने की शिक्षा नहीं देता, इसके बावजूद विश्व में अधिकांश द्वंद धर्म के नाम पर ही हुए हैं।
रविवार को फर्रुखाबाद महोत्व में आयोजित सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन में दिल्ली से आये मौलाना सलमुद्दीन ने कहा कि मुसलमान किसी कौम का नाम वह तो ईश्वर की इबादत की एक पद्धति मात्र है। उन्होंने कहा कि सारे धर्मों का जो अध्यन कर लेता है वह अपने आम इंश्वर के निकट पहुंच जाता है। ब्रह्मकुमारी बहन मंजू ने कहा कि पूरा विश्व एक कुटुम्ब है। हिुदू धर्म में वासुदेव कुटुम्बकम की सीख दी जाती है। कांग्रेस नेता अनिल मिश्रा ने कहा कि सारे धर्म हम को ईमानदारी के रास्ते पर चलने की सीख देते हैं। हिंसा किसी भी धर्म में नहीं सिखाया जाता है। इस अवसर पर मौजूद सरदार बाबू सिंह गिल ने कहा कि व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म का हो उसे अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिये। मन तो एक आग है, उसमें ईच्छाओं की जितनी लकड़ी डालोंगे यह आग उतनी ही अधिक भड़केगी। सम्मेलन में विनय अग्रवाल, संतोष प्रजापति, श्री कृष्ण गुप्ता, अनस शम्सी, दिवाकर नंद दुबे, नागसेन भंते व आयोजक डा. रामकृष्ण राजपूत ने भी विचार व्यक्त किये।