सौतेले पिता ने पुत्री को भीड़ में खोकर पीछा छुड़ाया

Uncategorized

फर्रुखाबाद: भले ही नारी सशक्तीकरण व महिला जागरूकता के बड़ी बड़ी मंचों पर बखान किये जाते हों लेकिन समाज में अभी भी लड़कियों का स्तर लड़कों के अपेक्षा नीचा नजर आ रहा है। पुत्री को अभी भी पुत्र के बराबर का दर्जा देने से लोग कतरा रहे हैं। ऐसे ही एक दरिंदे पिता ने अपनी सौतेली पुत्री को भीड़ भरे गाजियाबाद जैसे शहर में लेजाकर हाथ में पकौड़ी थमाकर चला आया। रोती बिलखती किशोरी को पुलिस ने एक चाइल्ड केयर सेन्टर भेज दिया। जहां से शुक्रवार को किशोरी को लाया गया।

थाना कंपिल क्षेत्र के ग्राम सिवारा निवासी ब्रह्मानंद ने पत्नी की चाह में शादीशुदा महिला मीरादेवी से शादी तो रचा ली लेकिन मीरादेवी के साथ आयी उसकी पुत्री को उसने शायद अपनाना नहीं चाहा। ब्रह्मानंद तयशुदा तरीके से 14 वर्षीय सौतेली पुत्री जावित्री को गाजियाबाद ले गया। जहां पर भीड़ भरे इलाके में ले जाकर उसने जावित्री को पकौड़ी खाने के लिए एक बैंच पर बैठा दिया और खुद वहां से फरार हो लिया। काफी देर इंतजार करने के बाद जब जावित्री के पास उसके सौतेले पिता ब्रह्मानंद नहीं लौटे तो वह रोती चिल्लाती हुई सड़कों पर घूमने लगी।

29 सितम्बर 2012 को गाजियाबाद के थाना लौनी पुलिस ने लावारिश अवस्था में घूम रही किशोरी को जब रोता बिलखता देखा तो उसे ले जाकर आशादीप फाउन्डेशन चाइल्ड केयर सेन्टर पर भेज दिया। चाइल्ड केयर सेन्टर पर पहले तो किशोरी कुछ दिनों तक कुछ भी नहीं बता सकी जब सही हालत में आयी तो उसने अपना व अपने मां बाप का नाम पता बताया। जिसके आधार पर चाइल्ड केयर सेन्टर के मधुबाला और संजय कुमार गाजियाबाद से जावित्री को लेकर फर्रुखाबाद आये।

जहां पर उन्होंने किशोरी कोतवाली पुलिस को सौंप दी। किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसका नाम जावित्री है। उसकी मां मीरादेवी से ब्रह्मानंद ने शादी कर ली। यदि वह घर जायेगी तो ब्रह्मानंद उसे मार डालेगा। पुलिस ने जावित्री को फिलहाल छक्कूलाल बालगृह भेज दिया।