फर्रुखाबाद: केंद्रीय विदेश मेंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार को यहां वार्ता के दौरान एफडीआई पर सफाई देते हुए कहा कि भाजपा के विरोध के पीछे वास्तव में उसकी वोटबैंक की राजनीति की विवशता है, अन्यथा वह भी जानते हैं कि एफडीआई आज के दौर में वक्त का तकाजा है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसान और उपभोक्ता के बीच के बिचौलियों, सूदखोरों और धन्नासेठों की भूमिका समाप्त होगी, इससे हमारी अर्थव्यवस्था के वित्तीय घाटे को दूर करने में सहायता मिलेगी।
संसद में एफडीआई पारित हो जाने से गदगद सलमान खुर्शीद ने इस मुद्दे पर जम कर सफाई दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बड़े-बड़े शोरूम खुलने से या शापिंग मॉल खुलजाने से देश की बाजार व्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है, उसी प्रकार एफडीआई के आ जाने से भी कोई अंतर नहीं पड़ेगा। परंतु इससे भारत की अर्थव्यवस्था और देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि पर अवश्य सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा भाजपा द्वारा केंद्र सरकार के इस अच्छे कदम का विरोध, अपने विपक्ष के धर्म को निभाने से अधिक वोटबैंक की राजनीति है।
उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के व्यवहार को भी इसी लाइन पर समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा भी अपने-अपने राजनैतिक गुणा भाग को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। परंतु इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा हो या सपा-बसपा, एफडीआई से सैद्धांतिक रूप से अंदर-ही-अंदर सब सहमत हैं।